लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर मंत्रिपरिषद के साथ चर्चा की। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं रेखा आर्य उपस्थित रहे। मंत्री यशपाल आर्य हल्द्वानी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आपदा के कठिन दौर में जो लोग खाद्यान्न की कालाबाजारी करेंगे, उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉक डाउन के दौरान सरकार सामूहिक निर्णय लेगी। विभाग अपने स्तर से किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं कर सकेंगे।
राज्य के वर्तमान हालात एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा को अमल में लाने पर सभी मंत्रियों ने अपने विचार व सुझाव रखे। यह तय किया गया कि केंद्र से बुधवार को गाइडलाइन मिलने के बाद 16 अप्रैल को मंत्रियों की बैठक में इस पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा को अवसर के रूप में बदलने के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। लॉक डाउन के संबंध में केंद्र सरकार से जारी होने वाले निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में तदनुसार ही कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की हमारे सामने चुनौती है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटे हैं। ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने को पलायन आयोग को निर्देश दिए जा रहे हैं।