चम्पावत जिले में स्थित बीएसएनल के मोबाइल टावरों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इससे बिजली आपूर्ति नहीं होने के बाद भी संचार सुविधा बहाल रह सकेगी। सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए उरेडा और आपदा प्रबंधन विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना बनाएंगे।
मोबाइल टावर में सोलर प्लांट लगाने से आपदा और अन्य आपाताकालीन परिस्थितियों में मदद मिल सकेगी।चम्पावत जिले में बीएसएनएल के टावरों में शीघ्र ही सोलर पावर प्लांट लगे हुए नजर आएंगे। इसके लिए उरेडा और आपदा प्रबंधन विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना बनाएंगे।
योजना के तहत मोबाइल टावर में पांच किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जाने हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडेय ने बताया कि शुरुआत में सीमांत मंच व तामली, चौड़ाकोट, रीठासाहिब और कोयाटी स्थित टावर में पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
वर्तमान में बीएसएनएल के कई टावरों में बिजली आपूर्ति भंग होने के बाद संचार व्यवस्था बाधित हो जाती है। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में संपर्क स्थापित करने में कठिनाई होती है। लेकिन सोलर पावर प्लांट लगने से इन टावरों में बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद भी संचार व्यवस्था बहाल रहेगी।
इससे आपदा व अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में संपर्क स्थापित करने में मदद मिल सकेगी। उरेडा के परियोजना प्रबंधक मनोज बजेठा ने बताया कि पांच किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट एक मोबाइल टावर में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए पर्याप्त होगा।
बीएसएनएल के 25 मोबाइल टावर जिले में हैं
चम्पावत जिले में वर्तमान में बीएसएनएल के 25 मोबाइल टावर लगाए गए हैं। बीएसएनएल के जेटीओ विजय बहादुर ने बताया कि लोहाघाट और चम्पावत शहरी क्षेत्र के आसपास बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद भी इन मोबाइल टावरों से संचार व्यवस्था सुचारू रहती है।
लेकिन अधिकतर टावर में बैट्री खराब होने से अधिक समय तक बिजली का बैकअप नहीं मिल पाता। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में ये टावर अधिकतम एक से दो घंटा चालू हालत में रहने में सक्षम होते हैं।