आयुष्मान योजना से पर्वतीय जिलों में छोटे प्राइवेट अस्पताल भी जुडेंगे, ग्रामीणों को मिलेगा बेहतर इलाज
राज्य में आयुष्मान योजना से अभी कुल 175 के करीब अस्पताल जुड़े हैं। जिसमें से अधिकतर अस्पताल मैदानी जिलों में हैं। इससे पर्वतीय जिलों के मरीजों को इलाज के लिए मैदान के अस्पतालों में ही आना पड़ रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्राइवेट अस्पताल बहुत कम हैं।
राज्य के पर्वतीय जिलों में संचालित हो रहे छोटे प्राइवेट अस्पतालों को भी आयुष्मान योजना से जोड़ा जाएगा। पर्वतीय जिलों में योजना का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। सचिवालय में सोमवार को हुई आयुष्मान योजना की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। साथ ही शहरों के बड़े प्राइवेट अस्पतालों को भी योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
लेकिन जो हैं भी उनमें से भी अधिकांश अस्पताल योजना से जुड़े हुए नहीं हैं। इस वजह से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है और उन्हें बहुत मामूली इलाज के लिए भी दून और हल्द्वानी के अस्पतालों में आना पड़ रहा है। इस परेशानी को देखते हुए आयुष्मान सोसायटी पहाड़ में इलाज की सुविधा दे रहे प्राइवेट अस्पतालों को भी योजना से जोड़ने जा रही है।
योजना को कारगर बनाया जाएगा
सोमवार को आयुष्मान योजना के विभिन्न बिंदुओं को लेकर अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें योजना को और कारगर बनाने का निर्णय लिया गया। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि पर्वतीय जिलों में उन छोटे अस्पतालों को भी चिह्नित किया जा रहा है जहां लोग बीमारियों का इलाज कराते हैं लेकिन वह अस्पताल अभी योजना से नहीं जुड़े हैं।
सभी प्राइवेट अस्पताल भी जोड़े जाएंगे
अमित नेगी ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत सभी बड़े प्राइवेट अस्पतालों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष्मान सोसायटी के अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के योजना में शामिल होने के बाद प्राइवेट अस्पताल योजना से जुड़ना चाहेंगे।