केंद्र से राहत के संकेत उद्योग और कारोबार को, लॉकडाउन की वजह से टूटी कमर

केंद्र से राहत के संकेत उद्योग और कारोबार को, लॉकडाउन की वजह से टूटी कमर

प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से उद्योग और कारोबार जगत पर पड़ने वाला असर कितना गहरा है, यह अंदाजा इससे लग सकता है कि करीब छह लाख लोगों का रोजगार और आजीविका पर संकट है। इनमें एमएसएमई, बड़े उद्योगों के साथ ही जीएसटी में पंजीकृत और अपंजीकृत कारोबारी हैं। अकेले पर्यटन से जुड़े उद्यमियों, व्यवसायियों और कारोबारियों के साथ उनमें रोजगार प्राप्त करने वाले 80 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसमें धार्मिक पर्यटन के साथ नैसर्गिक और साहसिक पर्यटन भी शामिल है। सेवा क्षेत्र के इस पूरे कारोबार पर राज्य की आर्थिकी और आजीविका मुहैया कराने का बड़ा दारोमदार है।

परिवहन, होटल, पर्यटन समेत तकरीबन दो लाख से ज्यादा कारोबारियों, छोटा काम-धंधा करने वालों को कोरोना के संकटकाल में मदद की दरकार है। इन्हें राहत के रूप में पैकेज के बंदोबस्त को राज्य सरकार ने केंद्र में दस्तक दी है। साथ ही इन सभी लोगों को ये भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा। उद्योगों को फौरी राहत देते हुए जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को हिदायत दी गई है कि आर्थिक गतिविधियां संचालित करने को उद्योगों को सहयोग किया जाए। साथ ही अनावश्यक उत्पीड़न से हर मुमकिन तरीके से बचा जाए।

प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में 49 फीसद हिस्सेदारी अकेले सेकेंडरी सेक्टर की है। इस सेक्टर में सिर्फ उद्योगों की हिस्सेदारी 38 फीसद है। सर्वाधिक 42 फीसद हिस्सेदारी वाले सेवा क्षेत्र और इससे जुड़े परिवहन सेक्टर की भागीदारी सात से आठ फीसद है। कोरोना काल में संकटग्रस्त उद्योग और कारोबार जगत की चिंताओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से बातचीत की है। नकदी, बैंकों का ब्याज समेत कारोबारी गतिविधियों में बरकरार मौजूदा दिक्कतों को उठाया गया है।

सरकार ने यह भरोसा भी बंधाया है कि उद्यमियों और कारोबारियों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि उद्योग और कारोबार जगत के बड़े से लेकर छोटे सभी लोगों को जल्द राहत मिलने के सकारात्मक संकेत केंद्र से मिले हैं। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर बिजली संबंधी विभिन्न देयों में राहत दी है। साथ ही लॉकडाउन में ढील की वजह से खुल रहे उद्योगों की गतिविधियों में बाधा न पहुंचे, इसके लिए जिलों में प्रशासन को उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने को कहा गया है।

परिवहन: 52 हजार वाहन व्यावसायी, 48 हजार टैक्सी-मैक्सी कैब, 4000 यात्री बसें

होटल: 3500 होटलों में 53 हजार कक्ष, 80 हजार को रोजगार

एमएसएमई: 63665 पंजीकृत, 3.19 लाख से ज्यादा लोग कार्यरत

बड़े उद्योग: 327, 1.11 से ज्यादा लोगों को रोजगार

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