नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को एक सम्मेलन में शिरकत की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर समेत कुछ चौकियों को आम नागरिकों के लिए खोलने की योजना बना रही है। इससे पहले भी सेना आमजनों को प्रशिक्षण शिविरों और सैन्य संस्थानों का दौरान करने की अनुमति देती रही है।
जनरल रावत ने कहा किभारतीय सेना और इसकी कार्यप्रणाली में आने वाली चुनौतियों को लेकर आम लोगों में जिज्ञासाएं बढ़ी हैं। ऐसे में यदि कुछ चौकियों पर नागरिकों को जाने की अनुमति मिलती है तो यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए अच्छा होगा। हालांकिन्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवालों से बताया कि फिलहाल सेना ने यह तय नहीं किया है कि किन स्थानों पर नागरिकों को जाने की अनुमति दी जाएगी।
सेना के सूत्रों के अनुसार, लद्दाख आने वाले नागरिक सेना से लगातार अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें टाइगर हिल और उन स्थानों तक जाने की अनुमति दी जाए,जहां पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा था। सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है जो लद्दाख का हिस्सा है।कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद यहकेंद्र शासित प्रदेश बन चुका है। सेना के हजारों जवान कड़ाके की सर्दीके बावजूद यहां सालभर तैनात रहते हैं।
सेना प्रमुख ने इस योजना पर पाकिस्तान द्वारा आपत्ति जताने की आशंकाके बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का है और इन मुद्दों पर निर्णय लेना भारत सरकार पर निर्भर है। 2007 से भारत आम नागरिकों को सियाचिन बेस कैंप से 11,000 से 21,000 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित अन्य स्थानों पर ट्रेकिंग करने की अनुमति दे रहा है।