नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर चिंता जताई। कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी 49 हस्तियों ने 23 जुलाई काे मोदी के नाम खुला पत्र लिखा था। इसमें मुस्लिम, दलित और अन्य समुदायों के खिलाफ भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा (मॉब लिंचिंग) पर रोक लगाने की मांग की गई थी। साथ ही उन्होंनेमोदी से जनता का पक्ष रखने काआग्रह किया, ताकि नागरिकों की ‘मन की बात’ ‘मौन की बात’ न बन जाए।
अपने पत्र में तिरुवनंतपुरम से सांसद ने प्रधानमंत्री से एक स्टेंड लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीलोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं। मॉब लिंचिंग चाहे सांप्रदायिक घृणा से की गई हो या बच्चे के अपहरण की अफवाहों से। यह एक ऐसी बीमारी बन गई है जो तेजी से फैल रही है।इन(49) लोगों ने इसे आपके संज्ञान में लाने का सही काम किया है।
थरूर ने कहा, ‘‘एक भारतीय नागरिक के रूप में हम आशा करते हैं कि हम में से हर कोई बिना डरे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को प्रकाश में ला सके, ताकि आप उन्हें संबोधित करें। हमें आप पर विश्वास है कि आप भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करेंगे। ताकि भारत के नागरिकों की ‘मन की बात’ ‘मौन की बात’ में न बदल जाए।’’
थरूर ने कहा कि मतभेद के बिना कोई लोकतंत्र हो ही नहीं सकता। हमारा महान देश विविधताओं के सह-अस्तित्व के आधार पर बनाया गया है। अक्सर विचारों और विचारधाराओं में मतभेद होता रहता है। यहीं भारत को एक सफल और जीवंत लोकतंत्र बनाता है। आपसे विपरीत विचारधारा वाले लोगों को शत्रु या राष्ट्र-विरोधी नहीं माना जाना चाहिए।
थरूर ने अमेरिकी कांग्रेस में मोदी के संबोधन की याद दिलाते हुए कहा कि आपने 2016 में अपने भाषण में संविधान को एक पवित्र किताब बताया था। आपने कहा था कि भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों के रूप में विश्वास, भाषण और मताधिकार की स्वतंत्रता देता है।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या नया भारतमेंहर बार नागरिक या सरकार की नीतियों की आलोचना करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी? क्या नए भारत को आप ऐसा बनाना चाहते हैं जहां देश के लोगों की न सुनी जाए, उनकी परेशानियों को दूर न किया जाए? क्या नया भारत ऐसा है, जिसमें आपसे मतभेद रखने वाले सभी विरोधी पार्टियों को देश का दुश्मन माना जाएगा। नया भारत क्या ऐसा होगा, जहां पत्रकारों को शासन की विफलता उजागर करने के लिए गिरफ्तार कर लिया जाएगा।