मुंबई। ‘‘जीरो’’ फिल्म के निर्माताओं ने बम्बई उच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया कि फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर में अभिनेता शाहरूख खान ने तलवार पकड़ी हुयी है न कि कृपाण। अधिवक्ता अमृतपाल सिंह खालसा की ओर से दायर याचिका में यह दावा किया गया है कि सिनेमा के ट्रेलर और पोस्टर से सिख समुदाय की भावनायें आहत हुई है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और एस वी कोटवाल की खंडपीठ में हो रही है । इस महीने की शुरू में दायर याचिका में फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को उस दृश्य को हटाने का निर्देश देने की मांग की गयी थी जिसमें शाहरूख ‘कृपाण’ (छोटी तलवार अथवा एक डैगर, जिसे सिख समुदाय के लोग हमेशा अपने पास रखते हैं) पकड़े दिखाई दे रहे हैं।
इस याचिका में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को प्रमाण पत्र नहीं देने का निर्देश देने की मांग की गयी है और अगर यह दिया गया है तो इसे वापस लेने का निर्देश देने की भी मांग की गयी है । शाहरूख खान, निर्माताओं गौरी खान तथा करूणा बदवाल और निर्देशक आनंद एल राय की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सरवाई ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि यह याचिका पूरी तरह से गलत धारणा पर आधारित है।
उन्होंने अदालत को बताया, ‘‘फिल्म में मुख्य अभिनेता ने जो पकड़ा है वह कृपाण नहीं है । यह एक साधारण तलवार है।’’ इसके बाद अदालत ने यह जानना चाहा कि क्या फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल चुका है । इस पर बोर्ड के अधिवक्ता ए सेठाना ने बताया कि यह अभी लंबित है । उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि जिस पोस्टर पर सवाल किया गया है वह उस ट्रेलर का हिस्सा नहीं है जिसे निर्माताओं ने प्रमाण पत्र के लिए जमा कराया है।
अदालत ने बोर्ड से कहा कि सिनेमा के प्रमाण पत्र देने पर विचार करने से पहले आरोपों तथा याचिका में उठाये गए बिंदुओं की जांच करने का निर्देश दिया है । खंड पीठ मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को करेगा । सिनेमा को 21 दिसंबर को जारी किया जाना है ।