पर्यावरण संरक्षण व जनजागरूकता के लिए स्कूलों को मिलेगा बजट
सचिवालय में ‘उत्तराखंड कैंपा’ की बैठक में सीएम बोले, वनों के विकास के लिए पौधरोपण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। पौधों का सर्वाइवल रेट बढ़ाने के लिए मॉनीटरिंग की जाए। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए। वन विभाग रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभा सकता है।
उत्तराखंड में पर्यावरणीय जनजागरूकता फैलाने के लिए स्कूल-कॉलेजों को दस दस हजार की राशि दी जाएगी। बुधवार को हिमालय दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि वन विभाग के जरिये दस हजार लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा, ताकि वन और पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय लोगों की आमदनी भी हो सके।
कोविड-19 के चलते गांव लौटे लोगों को रोजगार देने के लिए वन विभाग के माध्यम से जल संरक्षण, पौधरोपण, नर्सरी विकास एवं वन संपत्ति की सुरक्षा क्षेत्र में रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम दस हजार लोगों को रोजगार देने के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग बेहद कारगर है, लेकिन इसकी सुरक्षा के लिए लोगों को भी जागरूक किए जाने की जरूरत है। मानव और वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। इनके बाद वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बोले, 10 हजार लोगों को भीमल के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। इन प्रशिक्षितों को बुग्याल संवर्धन के लिए कॉयर नेट और पिरूल चेकडैम निर्माण में लगाकर रोजगार दिया जा सकता है।