सभी को बचाना प्राथमिकता – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

सभी को बचाना प्राथमिकता

रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी मे जिले के जोशीमठ ब्लाक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवो का सडक संपर्क टूट गया था। इस आपदा से सीमांत क्षेत्र के रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, सुकी, भलगांव, तोलमा, फगरासु, लोंग सेगडी, गहर, भंग्यूल, जुवाग्वाड, जुगजू गांवो से सडक संपर्क अभी कटा है। ग्रामीणो का हालचाल जानने आज स्वयं मुख्यमंत्री लाता पहुंचे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को आपदा प्रभावित क्षत्राें का दौरा किया। राहत व बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों को सख्त से सख्त हिदायत दी गई है कि वह बचाव कार्य में कोई भी कमी कसर न छोड़ें।  जोशीमठ आर्मी हैलीपेड से सीमांत गांव क्षेत्र लाता के लिए रवाना हुए। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में करीब 36 गांवों में 350 परिवार रहते हैं। यह सभी परिवार भी आपदा का दंश झेल रहे हैं।

छह जिलों को आपदा के तहत बजट जारी

सरकार ने चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, चंपावत, उत्तरकाशी, व देहरादून के लिए वित्तीय वर्ष के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के संचालन के लिए बजट दे दिया है। इसके तहत 7.83 पारिश्रमिक व 11 लाख परिचालन केंद्र के तहत दिए हैं। उधर, आपदा से प्रभावित चमोली को 20 करोड़ आवंटित कर दिए हैं।

चमोली के ग्राम रोपा के अति संवेदनशील तीन प्रभावित परिवारों को जल्द दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। सीएम त्रिवेंद्र ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में इसका अनुमोदन भी किया गया। 

उत्तराखंड के चमोली जिले के चीन सीमा से लगे क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही में उत्तराखंड समेत नौ राज्यों के मजदूर और कर्मचारी लापता हैं। ये सभी निर्माणाधीन ऋषिगंगा और एनटीपीसी प्रोजेक्ट में काम करते हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने लगभग 202 व्यक्तियों के लापता होने की संभावना जताई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार धौली गंगा और ऋषि गंगा में आए अचानक जल प्रलय से दोनों हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

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