कीव। यूक्रेन में रविवार को नयी संसद के लिए मतदान हुआ। इस चुनाव के जरिए कॉमेडियन से राष्ट्रपति बने वोल्दोमीर जेलेंस्की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। चुनाव में वोटों का सबसे बड़ा हिस्सा जेलेंस्की की नवगठित पार्टी के पक्ष में जाने की संभावना है, जो देश को एक नये युग में ले जाएगा। दरअसल, यूक्रेन पर अब तक उन नेताओं का वर्चस्व रहा है जो देश के सोवियत संघ (जिसका विघटन हो चुका है) का हिस्सा रहने के दौरान पले-बढ़े थे।
जेलेंस्की की पार्टी ‘सर्वेंट ऑफ द पीपुल’ को लगभग आधा वोट मिलने का अनुमान है। इससे पहले, अप्रैल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जेलेंस्की को शानदार जीत मिली थी। निवर्तमान संसद में जेलेंस्की के पूर्वाधिकारी पेट्रो पोरोशेंको का वर्चस्व था जिन्होंने मध्यावधि चुनाव का आह्वान किया था। जेलेंस्की के उदय को यूक्रेन के राजनीतिक संभ्रांत वर्ग को खारिज करने के तौर पर देखा जा रहा है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, भ्रष्टाचार को खत्म करने और रूस समर्थित अलगाववादियों के साथ संघर्ष खत्म करने में नाकाम रहे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति संसद से अपनी शक्तियों को साझा करेंगे। संसद एक प्रधानमंत्री नामित करेगी और सरकार का गठन करेगी। हालांकि, ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि सर्वेंट ऑफ द पीपुल पार्टी को बहुमत नहीं मिल सकता है और उसे गठबंधन करने की जरूरत पड़ेगी। जेलेंस्की की पार्टी और रॉक स्टार स्यातोस्लाव वाकरचुक नीत गोलोस (व्याइस) के उम्मीदवारों में कारोबारी, एथलीट और सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनकी औसत उम्र 37 साल है।इन दोनों दलों ने पूर्व में सांसद रहे किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है।