नयी दिल्ली। कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि अगर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ठुकराते हैं तो पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘सभापति के फैसले को चुनौती दी जा सकती है। इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस उम्मीद के साथ प्रधान न्यायाधीश पर ‘ नैतिक दबाव ’ बना रही है कि महाभियोग प्रस्ताव पेश किए जाने पर वह अपने न्यायिक उत्तरदायित्व से अलग हो जाएंगे।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पहले भी महाभियोग का सामना करने वाले न्यायाधीश न्यायिक कार्य से अलग हुए थे और प्रधान न्यायाधीश को भी यही करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ परिपाटी है, इसके लिए कोई कानूनी या संवैधानिक बाध्यता नहीं है।’’ कांग्रेस को उम्मीद है कि महाभियोग प्रस्ताव के संदर्भ में जल्द फैसला होगा। उधर, संसद में एक अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि नोटिस को स्वीकार किए जाने से पहले इसकी बातों को सार्वजनिक करने से संसदीय नियमों का उल्लंघन हुआ है।
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने देश के प्रधान न्यायाधीश पर ‘कदाचार’ और ‘पद के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं। महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं।