देहरादून। कला, साहित्य, संस्कृति का संगम देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का शुक्रवार को दून इंटरनेशनल स्कूल रिवरसाइड कैंपस में शानदार शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड और अति विशिष्ट अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल (सेनि) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कर्नल राठौड़ ने कहा कि मैं साहित्य से बहुत ज्यादा नहीं जुड़ा हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि अभी देर हुई है। उन्होंने बताया कि वह करीब 30 साल बाद देहरादून आए हैं। उन्होंने देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी से अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी, जिसके बाद वह बतौर अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बने थे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये मुझे बहुत से लोगों से बात करने और जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं और युवाओं के लिए फेस्टिवल खासा फायदेमंद साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जिंदगी में चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना होता है। जब हम चुनौतियों से पार पाते हैं तो जीवन और भी सुंदर हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने तीन अलग-अलग तरह की जिंदगी जी है। पहले सैन्य अफसर उसके बाद निशानेबाज और अब राजनेता के तौर पर मैंने जो कुछ सीखा और समझा है उसे साझा करने का मुझे फेस्टिवल के जरिए मौका मिला है।
रस्किन बांड ने स्कूली बच्चों के सवालों का दिया जवाब
उदघाटन के बाद आयोजित खुली किताब सत्र में पद्मभूषण रस्किन बांड ने स्कूली बच्चों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ साहित्य और लेखन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए बल्कि बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए।
एक छात्रा ने रस्किन बांड से उनकी एक कविता पढ़ने के लिए कहा। रस्किन ने अपनी एक कविता पढ़कर सुनाई। वहीं एक और छात्रा मेधा ने पूछा की आपने लिखने के लिए मसूरी को ही क्यों चुना? इस पर रस्किन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि मैं यहीं पला हूं। यहीं पढ़ाई भी की है। विदेशों में भी गया लेकिन मुझे प्रकृति और शांति की अच्छी लगती है। कविताएं और किताब लिखने के लिए शांति और खूबसूरत वादियां बेहद जरूरी हैं। इसलिए मैं यहां आया तो यहीं रह गया।
दून इंटरनेशनल स्कूल रिवरसाइड कैंपस की लीसा अग्राल, दून इंटरनेशनल स्कूल सिटी कैंपस के चाणक्य नायडू, वेल्हम बॉयज स्कूल के श्रेयांश जिंदल, वेल्हम गर्ल्स स्कूल की तारा गोविल, एमकेपी इंटर कॉलेज की मदीहा नाज़ और द दून स्कूल के आर्यन भट्टाचार्जी के पैनल ने रस्किन बॉन्ड सवाल किए। इसके बाद ओपन सत्र में भी स्कूली बच्चों ने उनसे सवाल पूछे।
आज पहले दिन हुए सत्र:
समय – सत्र – वेन्यू – वक्ता/अतिथि
दोपहर 3.30 से 4 बजे – उद्घाटन – मेन ऑडी – पद्मभूषण रस्किन बांड व कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ (सेनि)
4 से 4.45 बजे – खुली किताब – मेन ऑडी – रस्किन बांड और स्कूली बच्चों का संवाद
(इसी सत्र में अशानी तनेजा की किताब बैड ब्लड फ्रेनेमीस का विमोचन भी होगा)
4.45 से 5.30 बजे – फॉर द लव ऑफ रीडिंग – मेन ऑडी – रस्किन बांड का सभी स्कूल हेड से संवाद
5.30 से 6.30 बजे – कीपर्स ऑफ द कालचक्र – मेन ऑडी – अश्विन सांघी
(इसी सत्र में धैर्य अरोड़ा की पुस्तक एवरीवन हेज ए मिथ टू टैल का विमोचन भी होगा)
6.30 से 7 बजे – द ताशकंद फाइल्स – कोलेजियम – विवेक रंजन अग्निहोत्री, सुनील शास्त्री
7.30 से 8 बजे – द डेविल्स एडवोकेट (रिविलिंग द ट्रूूथ) – कोलेजियम – करन थापर