आरएसएस की फिल्म के माध्यम से युवाओं को जोड़ने की पहल

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश में वैचारिक विमर्श को ‘‘भारतीय चित्र साधना’’ नामक मंच प्रदान करते हुए रंगमंच, गीत, पेंटिंग, फिल्म, वृतचित्र आदि के माध्यम से भारतीयता के संदर्भ में युवाओं को जोड़ने की पहल की है। आरएसएस के दिल्ली प्रांत के सह प्रांत संघ चालक आलोक कुमार ने बताया, ‘‘भारतीय चित्र साधना 19 से 24 फरवरी तक दिल्ली के सिरीफोर्ट आडिटोरियम में फिल्म महोत्सव का आयोजन कर रही है जिसका उद्घाटन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी करेंगी। इसमें अतिथि के रूप में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल होंगे।’’

उन्होंने बताया कि भारतीय चित्र साधना एक पंजीकृत ट्रस्ट है। इसके माध्यम से हमारा प्रयास ऐसे लोगों को ताकत प्रदान करना है जो फिल्मों एवं कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति, विचार और हमारी अपनी समस्याओं को अपनी दृष्टि से प्रस्तुत करने की पहल करते हैं। केवल हालीवुड की फिल्मों की कापी नहीं हो बल्कि भारतीय फिल्में भारतीय संदर्भ में बढ़े।
फिल्म महोत्सव को दो श्रेणियों में बांटा गया है जिसमें पहला फिल्म संस्थान संवर्ग और दूसरा गैर फिल्म संस्थान संवर्ग शामिल है। देश भर से इस महोत्सव के लिये 750 प्रविष्टियां प्राप्त हुई जिसमें से 177 का चयन करके उसे जूरी के पास भेजा गया है। अब इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें मराठी, दक्षिण भारतीय भाषाओं, पूर्वोत्तर समेत पूरे देश से विभिन्न भाषाओं की फिल्में शामिल हैं।
कुमार ने बताया कि फिल्म महोत्सव एवं पुरस्कारों के चयन के लिये एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अध्यक्ष फिल्मकार मधुर भंडारकर है और इस समिति में सुभाष घई, प्रिय दर्शन, हेमा मालिनी, विक्टर बनर्जी, ज्वाय मुखर्जी, अर्जुन रामपाल, मनोज तिवारी, परेश रावल, बाबुल सुप्रियो आदि शामिल हैं।
फिल्म महोत्सव के समापण सत्र में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मौजूद रहेंगे। इस महोत्सव के तहत अभिनय, पठकथा लेखन और निर्देशन पर कार्यशाला का भी आयोजन किया जायेगा । कार्यशाला में अभिनय के बारे में मनोज तिवारी बतायेंगे जबकि निर्देशन के बारे में जानकारी सुभाष घई देंगे। आलोक कुमार ने बताया कि भारतीय नाट्य शास्त्र का आधार ‘नवरस’ है और इस पर महोत्सव में एक पूरा सत्र होगा।

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