श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध हटने से रौनक लौटनी तय, नोटिफिकेशन भी जल्द

श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध हटने से रौनक लौटनी तय, नोटिफिकेशन भी जल्द
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में चल रहे कुंभ मेला की शुरुआत भले ही फीकी और गैर अधिकारिक तौर पर हुई हो, लेकिन प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही अब कुंभ मेला की रौनक भी लौटनी तय है।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कुंभ स्नान आने वाले यात्रियों के लिए किसी तरह की प्रतिबंध नहीं होने की घोषणा कर, स्थितियां बदल दी हैं। अब कुंभ नोटिफिकेशन भी जल्द होने के आसार हैं। हरिद्वार में 12 साल बाद होने वाला कुंभ पर्व, इतिहास में पहली बार बिना अधिकारिक नोटिफिकेशन के हो रहा है। अब तक प्रदेश सरकार का सारा जोर कोविड के खौफ के चलते भीड़ कम से कम रखने पर था। अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, उत्तराखंड सरकार अन्य राज्यों को पत्र लिखकर मुख्य स्नान पर विशेष बस नहीं चलाने देने के साथ ही रेलवे को भी इस दौरान 24 घंटे तक रेल सेवाएं बंद रखने को पत्र लिख चुकी है।

हालांकि इसके बावजूद कुंभ में आस्थावान लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है, बगैर नोटिफिकेशन के बावजूद महाशिवरात्रि स्नान पर 32 लाख से अधिक यात्री हरिद्वार पहुंच पहुंचे। इस बीच नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ आने वाले यात्रियों के लिए किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं होने की घोषणा कर दी है। तीरथ ने पहले शाही स्नान पर हरिद्वार पहुंच, कुंभ को अपनी प्राथमिकता में होने में संकेत दिए हैं। इसलिए अब तक आराम तलबी के मूड में लग रहे पुलिस प्रशासन को नए सिरे से तैयारी करनी पड़ रही है।

नोटिफिकेशन तैयार
शहरी विकास विभाग कुंभ नोटिफिकेशन की फाइल सीएम कार्यालय भेज चुका है। लेकिन पहले गैरसैंण बजट सत्र और बाद में सियासी घटनाक्रम के चलते इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। अब नई सरकार के गठन के साथ ही जल्द नोटिफिकेशन होने के उम्मीद है। सीएम तीरथ रावत के रुख के बाद कुंभ अवधि बढ़ भी सकती है। पूर्व की सरकार में कुंभ अवधि एक से 30 अप्रैल के बीच ही प्रस्तावित किया जा रहा था। पहले कुंभ अवधि एक जनवरी से अप्रैल अंत तक होती थी।

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