उत्तराखंड में ऑनलाइन होगा वाहनों का रिकॉर्ड
परिवहन विभाग ऑनलाइन काम को लगातार विस्तार दे रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक वाहनों के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी फाइलें ऑनलाइन नहीं हो पाई थीं। उत्तराखंड के सभी आरटीओ और एआरटीओ दफ्तरों में वर्षों से पंजीकृत वाहनों की फाइलों के ढेर लगे हुए हैं।
राज्यभर में 27 लाख से ज्यादा वाहनों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए परिवहन विभाग को विश्व बैंक से पांच करोड़ रुपये मिल गए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटलाइजेशन का काम देहरादून के आरटीओ दफ्तर से शुरू किया जाएगा। रिकॉर्ड रूम की दस लाख फाइलें ऑनलाइन होंगी।
लाखों की संख्या में रिकॉर्ड रूम में पड़ी फाइलों पर धूल जमी है। कुछ फाइलें खराब भी हो चुकी हैं। ऐसे में परिवहन विभाग के सामने इन फाइलों को सुरक्षित रखने की चुनौती बनी हुई थी। देहरादून के आरटीओ ने विभाग से रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का अनुरोध किया था। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विभाग को विश्व बैंक से डिजिटलाइजेशन के लिए पांच करोड़ रुपये मिल गए हैं।
फाइलें ऑनलाइन होने से सभी वाहनों का रिकॉर्ड सुरक्षित हो जाएगा। यदि कोई वाहन स्वामी अपने वाहन से जुड़ी जानकारी चाहेगा तो तत्काल ऑनलाइन मिल जाएगी। आरटीओ कर्मचारियों को भी सुविधा होगी। उन्हें लाखों फाइलें नहीं खंगालनी पड़ेंगी। इससे समय की भी बचत होगी और विलंब नहीं हो सकेगा।