उत्तराखंड विधानसभा में चीनी उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक, स्वदेशी सामान खरीदने की अपील

विधानसभा में चीनी उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक, स्वदेशी सामान खरीदने की अपील

उन्होंने अधिकारियों की एक बैठक ली। जिसमें ताकीद किया कि विधानसभा के कार्यालयों में दैनिक इस्तेमाल के लिए कोई भी चीनी उत्पाद व उपकरण का प्रयोग नहीं किया जाए।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि चीन हमारे देश की सीमाओं में ही घुसपैठ नहीं कर रहा, वह भारत में आर्थिक घुसपैठ भी कर रहा है। लगातार बढ़ रहे उसके आर्थिक दखल को रोकने के लिए यह जरूरी है कि हम स्वदेशी को अपनाएं।

उत्तराखंड विधानसभा में चीन में बने उत्पाद व उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सोमवार को विधानसभा के अधिकारियों को ये निर्देश दिए।

बताया कि मैंने साफ आदेश कर दिए हैं कि विधानसभा में चीन के उत्पाद इस्तेमाल नहीं होंगे। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे चीन में बने उत्पादों का बहिष्कार करें और स्थानीय उत्पादों पर अपनी निर्भरता बढ़ाएं।

मंगलवार से प्रदेश सरकार के सभी सरकारी कार्यालयों में समूह ग और घ के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होगी। कोरोना से जंग लड़ते हुए सरकारी कामकाज जारी रखने के लिए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन, डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, प्रभारी सचिवों, मंडलायुक्तों, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारियों, विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों को इस संबंध में पत्र जारी कर कार्मिकों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा गया है। 29 मई को शासन ने सरकारी कार्यालय में क और ख श्रेणी के अधिकारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति के आदेश दिए थे। साथ ही समूह ग और घ के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को दफ्तर बुलाए जाने को कहा गया था।

अनलॉक 2 में कई ढील देने के साथ ही दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ाए जाने की संभावनाएं जताई जा रही थीं। सूत्रों के अनुसार पहले इसे शत प्रतिशत करने का प्रस्ताव था, लेकिन हालातों को देखते हुए चरणबद्ध ढंग से कार्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय हुआ। इसके तहत मंगलवार से उत्तराखंड सचिवालय, विधानसभा से लेकर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में समूह ग और घ के 75 प्रतिशत कर्मचारी हाजिरी देंगे।

इनके लिए छूट बरकरार

-ऐसी महिला कर्मचारी जो गर्भावस्था में हो
-10 साल से कम उम्र की संतान वालीं महिला कार्मिक
-55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारी
-गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारी
नोट: महिला कार्मिकों को अपरिहार्य स्थिति में ही दफ्तर बुलाया जा सकेगा।

दफ्तरों में आदेशों का करना होगा पालन

-जहां तक संभव हो बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग से हों
-वीडियो कांफ्रेंसिंग संभव न हो तो बैठक का समय कम हो

बैठक कक्ष में ये नियम जरूरी

-कम से कम दो गज की सामाजिक दूरी का पालन हो
-फेस मास्क या फेस कवर का प्रयोग अवश्य किया जाए
-केवल जरूरी अफसर कर्मचारी ही उपस्थित हों
-कक्ष को नियमानुसार सैनिटाइज किया जाए
-कक्ष में वेंटिलेशन की सुचारु व्यवस्था जरूरी है

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