दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को बीच रास्ते में उतारने पर रोक, ISBT पर एंट्री व जांच अनिवार्य
मालूम हो कि अब तक यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए उन्हें स्टेशन से पहले ही उतार दिया जाता था। जिनका घर रास्ते में पड़ता है, वो खुद ही ड्राइवर-कंडक्टर पर रास्ते में रुकने का दबाव बनाते हैं। पर, अब ऐसा नहीं हो पाएगा। हर यात्री को उत्तराखंड के भीतर तय बस अड्डे पर आकर अपनी एंट्री और जांच करानी होगी। खासकर दिल्ली से आने वाले वाहनों के लिए इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
दूसरे राज्यों से लौटने वाली रोडवेज बसें सवारियों को तय स्टेशन पर ही उतारेंगी। किसी को भी बीच रास्ते में नहीं उतारा जाएगा। रोडवेज ने यह निर्णय कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए किया है। जीएम ऑपरेशन दीपक जैन के अनुसार, इससे दूसरे राज्यों से आने वालों का रजिस्ट्रेशन व जांच करना आसान होगा। दिल्ली समेत अन्य राज्यों से आने वाली सभी बसों पर यह आदेश लागू होगा।
राज्य में बाहर से आने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था पूर्व की भांति ही रखी गई है। आने से पूर्व स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कर यात्रा की जानकारी भी देनी होगी। राज्य में पर्यटन की दृष्टि से आ रहे लोगों के लिए भी पंजीकरण जरूरी नहीं है। हालांकि पर्यटकों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है। विदेश से राज्य में आने वाले व्यक्ति के लिए भी यात्रा से पहले पूर्व की भांति पंजीकरण अनिवार्य होगा।
एसओपी के अनुसार राज्य के बार्डर, चैक पोस्ट, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि स्थानों पर यात्रियों की थ्रमल स्क्रीनिंग की जाएगी। इस दौरान किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर एंटीजन जांच की जाएगी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड मानकों के अनुसार इलाज या होम आइसोलेशन की व्यवस्था की जाएगी।