देहरादून। अबीरा एक ऐसा नाम फैशन इंडस्ट्री में जो आज किसी पहचान का मौहताज नहीं है। परंतु इसे इस मुकाम तक पहंचाने के पीछे की मेहनत को बताने के लिए अबीरा की को फाउंडर और सीईओ प्रियंका खंडेलवाल फिक्की फ्लो के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में पहुंची। उन्होंने अपने अनुभव महिलाओं के साथ साझा करते हुए उन्हें बिजनेस के गुर भी सिखाए और कई ऐसे मुद्दों पर चर्चा की जो किसी भी महिला को बिजनेस चलाने के दौरान परेशानियां आती है।
इस अवसर पर प्रियंका ने बताया कि अबीरा का मतलब होता किसी महिला की कहानी और इसे शुरू करने का मकसद भी यही था कि महिलाओं को काम मिले साथ ही साथ एक बिजनेस भी शुरू हो। नौ साल के अपने अनुभव साझा करते हुए प्रियंका ने कहा कि अपनी मां को सिलाई करते देख पलने बढ़ने के बाद यह तो पता था कि करना कुछ इसी क्षेत्र में ही है और एक ऐसे परिवार में जन्म लेने के बाद जहां आज भी महिलाओं को घर से बाहर निकल कर पैसा कमाने की आजाद नहीं है।
उन सभी परेशानियों को पार कर यहां तक पहुँचना आसान नहीं था। परंतु अपनी माता को प्रेरणा बनाते हुए जो काम उन्होंने आठ महिलाओं को साथ लेकर शुरू किया था वह अब एक इंडस्ट्री बन गया है और आज हजारों महिलाओं का रोजगार अबीरा से जुड़ा है। प्रियंका ने कार्यक्रम में महिलाओं के साथ बिजनेस के दौरान आने वाली टैक्निकल परेशानियों पर भी चर्चा की साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ इसमें कैसे उठा सकते है इस पर भी बात की और बारीकियां फिक्की देहरादून चैप्टर से जुड़ी महिलाओं को बताई।
इस अवसर पर पांवटा साहिब से आई श्रम नामक संस्था चलाने वाली पीयूषा शार्म ने भी कूड़े से अपना काम शुरू कर अपनी एक पहचान बनाने का सफर साझा किय। इस दौरान फिक्की फ्लो देहरादून की चेयरपर्सन नाजिया इज्जुद्दीन ने कहा कि प्रियंका और पीयूषा जैसी महिलाएं आज मिसाल है कि एक महिला अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकती है और समाज में बदलाव लाने के साथ साथ कई महिलाओं की जिन्दगी कोे एक नई दिशा दे सकती है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद फिक्की फ्लो की ज्वाइंट सेके्रटरी नेहा शार्म ने स्वागत उद्बोधन कर सभी का स्वागत किया व कार्यक्रम का सफल संचालन फिक्की फ्लो की कैपेसिटी बिल्डिंग कमेटी की चीफ काॅर्डिनेटर मानसी मित्तल रस्तोगी ने किया। अंत में सेक्रेटरी कोमल बत्रा ने सभी आए अतिथियों का धन्यवाद दिया।