उत्तराखंड में 555 दिनों के बाद खुले प्राइमरी स्कूल
प्रदेशभर में 21 सितंबर से खुल रहे सरकारी स्कूलों ने स्कूल खोलने की तैयारियों को अंतिम रूप तो दे दे दिया था लेकिन प्राइवेट स्कूलों में कई अभी स्कूल शुरू करने को सहमत नहीं है। फीस को लेकर सरकार ने साफ किया है कि सरकारी और निजी स्कूलों में केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। माना जा रहा है कि प्राइवेट स्कूल अक्टूबर तक खुल जाएंगे।
उत्तराखंड में आज प्राइमरी स्कूल खुल गए हैं। सरकार के आदेश के बाद कोरोना महामारी की वजह से 555 दिन तक लगातार बंद रहे प्राथमिक स्कूल मंगलवार को खुल गए। भले ही स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है लेकिन छात्रों में उत्साह है। सरकार ने साफ किया है कि अभिभावकों की अनुमति के बाद ही छात्र स्कूल आ सकेंगे। ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। देहरादून, रुड़की, हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल आदि शहरों में स्कूल खाेलने से पहले कैंपस को सैनेटाइज किया गया ।
शिक्षा सचिव राधिका झा ने अधिकारियों को सभी स्कूलों में कोविड 19 सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। सभी स्कूलों प्रशासन से अपील की कि वो स्कूल संचालन लिए सरकार की ओर से तय एसओपी का अक्षरश: पालन करें। कोरोना संक्रमण में गिरावट आने पर सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को मंगलवार से खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। इसके लिए बाकायदा एसओपी भी जारी की जा चुकी है।
आपको बता दें कि राज्य में 14 हजार 338 सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी प्राथमिक स्कूल हैं। बीते साल कोरोना संक्रमण शुरू होने पर 14 मार्च 2020 से सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था। पहली से पांचवीं कक्षा के प्राथमिक स्कूल तब से लगातार बंद चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सभी को स्कूल संचालकों को कहा है कि स्कूल खोलने के लिए कोविड गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन किया जाए।
चेताया कि कोविड गाइडलाइन्स का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी और निजी स्कूलों में केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। स्कूल संचालन के लिए जारी एसओपी में इसका स्पष्ट प्रावधान किया गया है। इससे अतिरिक्त एक भी पैसा नहीं लिया जाएगा। जो स्कूल संचालक, एसओपी का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस को काफी मंथन के बाद निर्णय लिया है।
अभी स्कूल प्रारंभिक स्थिति में खुले हैं। शिक्षण को पटरी पर लाने के लिए यह निर्णय किया गया है, बाकी गतिविधियों पर रोक है। सभी अफसरों को कड़ी हिदायत दी गई है कि स्कूलों में कोरोना सुरक्षा के मानकों का शत प्रतिशत पालन कराया जाए। छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
1.शिक्षण संस्थाओं में कोविड 19 सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन कराना सीईओ की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी
2.बीईओ और उपशिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र में ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा सुनिश्चित कराएंगे
3.औचक रूप से छात्र-छात्राओं से बातचीत कर ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई का अपडेट भी लेंगे सभी अफसर
4.हर ब्लॉक से स्कूलवार पढ़ाई की स्थिति के हर हफ्ते सीईओ के जरिए एससीईआरटी को रिपोर्ट दी जाएगी