ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी जानलेवा बीमारियों की दवाओं के बढ़े 20 फीसदी तक दाम
दवा कारोबारियों का कहना है कि देश में दवाओं कच्चा माल पहले चीन से आता था। लेकिन पहले सीमा विवाद और बाद में कोविड की वजह से सीधा माल आने में दिक्कत हो गई।
कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन ने दवाओं के रेटों में भी इजाफा कर दिया है। ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी जानलेवा दवाओं की कीमतों में 20 फीसदी तक का इजाफा हो गया है। कच्चे माल के बाद पेट्रोल- डीजल के दामों में आए उछाल के बाद दवाइयों की कीमतें बढ़ी हैं। बाजार में दवाओं के जो नए बैच आ रहे हैं उनमें कीमतें 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ी हुई हैं। ऐसे में हार्ट, बीपी, एंटीबायोटिक, खांसी समेत तमाम बीमारियों का इलाज महंगा हो गया है।
उन्होंने बताया कि देश में कच्चा माल अभी भी चीन का ही लेकिन वह दूसरे देशों के जरिए होकर आ रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों में इजाफा हो गया है। इसके अलावा हाल के कुछ दिनों में तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। जिससे कंपनियों ने दाम बढ़ा दिए हैं। बंगाली कोठी चौक के पास दवा की दुकान चला रहे संजय ने बताया कि नए स्टॉक में कीमतें 10 से 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि जिन दामों पर हम पहले दवाई बेचते थे उन पर अब खरीदनी पड़ रही है।
हालांकि राज्य के औषधि नियंत्रक ताजबर जग्गी ने कहा कि प्राइस कंट्रोल के तहत आने वाली दवाओं की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। लेकिन कच्चे माल की वजह से हो सकता है कि कुछ ब्रांडेड दवाओं की कीमत बढ़ी हो। लेकिन तय रेट से अधिक दाम पर किसी को भी दवा ब्रिक्री नहीं करने दी जाएगी। सभी औषधि निरीक्षकों को इस संदर्भ में लगातार जांच करने को कहा गया है।
इस तरह बढ़ी दवाओं की कीमतें
बीमारी दवा पुरानी कीमत नई कीमत
यूरिक एसिड फैबुस्टेट-40 178 198
ब्लड प्रेशर टेल्मीकाइंड एच-40 55 69
शुगर ग्लाइकोमैट जीपी-1 99 106
एंटीबायोटिक जिफी-ओ 140 155
खांसी कोरेक्स डीएस 100 109
दर्द डोलोनेक्स 178 196 (नोट : यह दवाई के एक पत्ते की कीमत है।)