दून से सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र को सीधे परिवहन सेवा से जोड़ने की कसरत में अब परिवहन विभाग ने परेड ग्राउंड से सेलाकुई के लिए सिटी बस चलाने की तैयारी में है। विभाग का संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में यह मामला ला रहा। बैठक पांच मर्तबा स्थगित हो चुकी है। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि मार्च के पहले हफ्ते में बैठक कराने की तैयारी चल रही।
देहरादून शहर का दायरा बढऩे के साथ ही इससे सटे क्षेत्रों से सीधी परिवहन सेवा को जोडऩे की कसरत सरकार कर रही है। चूंकि, सेलाकुई वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी विस्तार ले चुका है, ऐसे में शहर से सेलाकुई के लिए सीधी परिवहन सेवा की मांग लंबे समय से उठ रही है।
देहरादून-सेलाकुई मार्ग पर हर रोज तीन से चार हजार दैनिक यात्री सफर करते हैं। इनमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ ही फैक्ट्री कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है। शहर से सिटी बसें अब तक केवल झाझरा तक ही जाती हैं। इस मार्ग पर दून-डाकपत्थर निजी बसों का ही सहारा रहता है।
आमजन की समस्या को देखते हुए क्षेत्र के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने सीएम व परिवहन विभाग से सेलाकुई तक सिटी बस सेवा देने की मांग की थी। परिवहन आयुक्त ने इसे मंजूरी दे दी है। अब आरटीए बैठक के जरिये परमिटों की संख्या निर्धारित करने के बाद इस मार्ग पर सिटी बसें चलाए जाने की तैयारी चल रही। वहीं, आरटीए बैठक में शहर में भी कई मार्गों पर टाटा मैजिक व अन्य सवारी वाहनों के परमिट जारी करने पर विचार होना है।
81 सिटी बसों के परमिट सरेंडर
वर्तमान में दून शहर में 16 मार्गों पर सिटी बसों का संचालन होता है। परिवहन विभाग ने 262 सिटी बसों के परमिट जारी किए हैं, लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि मार्गों पर घाटे की वजह से इसमें 81 बसों के परमिट सरेंडर हैं। सिटी बसों के लिए मुनाफे वाला रूट राजपुर-क्लेमनटाउन मार्ग माना जाता है लेकिन यहां भी एक बस का परमिट सरेंडर है। सर्वाधिक घाटा एमडीडीए-डाट मंदिर के साथ ही परेड ग्राउंड-प्रेमनर-परवल समेत सीमाद्वार-नालापानी रूट पर है। तीनों मार्गों पर 44 बसों के परमिट सरेंडर हैं।
सिटी बसों में मिलेगा टिकट
सिटी बसों में मनमाना किराया वसूलने की शिकायत पर आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई की ओर से सिटी बस संचालकों को टिकट देने की हिदायत दी है। मौजूदा समय में किसी सिटी बस में टिकट नहीं दिया जा रहा। अब चूंकि किराया किमी के स्लैब में तय हुआ है तो परिचालक यात्रियों से ज्यादा किमी के स्लैब का किराया ले रहे। टिकट न देने पर यात्रियों से विवाद भी हो रहे। इसे गंभीरता से लेते हुए आरटीओ ने एक मार्च से सभी बसों में टिकट देने के निर्देश दिए हैं।