लाखों असंगठित कामगारों का फ्री रजिस्ट्रेशन करने की तैयारी, यह है श्रम विभाग का प्लान
केंद्र सरकार नेशनल डाटाबेस ऑफ अनऑर्गनाइज्ड वर्कर्स (एनडीयूडब्ल्यू) कार्यक्रम शुरू कर रही है। इसके डमी पोर्टल पर ट्रायल चल रहा है। इससे सिंगल पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों का डाटा उपलब्ध होगा। उत्तराखंड में करीब नौ हजार सीएससी के जरिये असंगठित कामगारों का पंजीकृत किया जाएगा।
उत्तराखंड में लाखों असंगठित कामगारों का पंजीकरण शुरू होने जा रहा है। राज्य के सभी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये निशुल्क पंजीकरण होगा। इससे जहां सरकार के पास असंगठित कामगारों का सटीक डाटा रहेगा। साथ ही सरकारी योजनाओं का सीधा फायदा इन्हें मिल सकेगा। राज्य में श्रम विभाग ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है।
इसमें मनरेगा मजदूर, निर्माण श्रमिक, खेती मजदूर, ईंट भट्टा-खनन मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, कारीगर, बुनकर, नाई, मोची, सफाईकर्मी, घरेलू कामगार, सब्जी-फल विक्रेता, फड़ लगाने वाले, रेहड़ी-ठेली चलाने वाले, समाचार पत्र विक्रेता, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। उत्तराखंड में असंगठित श्रमिकों की अनुमानित संख्या 32 लाख है। हालांकि श्रम विभाग की मानें तो यह अनुमानित आंकड़ा केंद्र सरकार का है और काफी ज्यादा है। ऐसे में पंजीकरण के बाद एक सही संख्या सामने आएगी।
पंजीकरण के लिए यह दस्तावेज जरूरी
पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, वर्तमान पता, बैंक पासबुक और एक शपथ पत्र देना होगा। शपथ पत्र में असंगठित श्रमिक होने की घोषणा करनी होगी। इन दस्तावेजों के आधार पर सीएससी में पंजीकरण होगा। प्रत्येक पंजीकृत व्यक्ति को आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जाएगा।
देश में कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया। असंगठित और प्रवासी मजदूर प्रभावित हुए। पंजीकरण होने से सरकार के पास एक डेटाबेस उपलब्ध रहेगा। बैंक खाते उपलब्ध होने से सरकार मुश्किल के वक्त इन्हें सीधे आर्थिक सहायता पहुंचा सकेगी। कामगारों को अन्य योजनाओं का सीधे लाभ मिल सकेगा। पंजीकरण में आधार लिंक होने से फर्जीवाड़े की आशंका कम रहेगी। बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में 93 फीसदी असंगठित कामगार हैं। केवल सात फीसदी संगठित क्षेत्र के कामगार हैं।
अपर श्रम आयुक्त अनिल पेटवाल ने बताया कि राज्य स्तर पर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। सीएससी के राज्य समन्वयक के साथ पंजीकरण को लेकर तैयारी हो गई है। मनरेगा समेत अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठकें हो चुकी हैं। राज्य स्तर पर श्रम विभाग की तैयारियां पूरी हैं। इसी महीने के अंत तक पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।