लाहौर। करतारपुर गलियारे पर शून्य रेखा से गुरूद्वारा साहिब तक पाकिस्तान 80 फीसदी काम पूरा कर चुका है। इस परियोजना पर काम कर रहे एक वरिष्ठ इंजीनियर ने भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच इस विषय पर एक पखवाड़े में होने वाली बैठक से पहले यह जानकारी दी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि इंजीनियर ने बाकी काम निर्धारित समय सीमा में पूरा हो जाने उम्मीद जतायी है। उनका बयान इस मायने में अहम है कि भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच वाघा बॉर्डर के पाकिस्तान वाले हिस्से में 14 जुलाई को बैठक होने वाली है।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जब दोनों पक्षों के बीच बैठक होगी तब भारत गलियारे से संबंधित मुद्दों पर मतभेद सुलझाने का प्रयास करेगा। खबर के अनुसार करतारपुर गलियारे पर शून्य रेखा से गुरूद्वारा साहिब तक 80 फीसद से अधिक काम हो चुका है जिसमें मुख्य मार्ग, पुल, भवन निर्माण आदि भी शामिल हैं। इंजीनियर कासिफ अली ने कहा कि हमें टाईल्स लगाने हैं और इसके लिए पहले ही आर्डर दिया जा चुका है। काम 2-3 हफ्ते में शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष प्रकार के सर्फद मार्बल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसका इस परियोजना में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘लंगर खाना’, ‘दर्शन खाना’ प्रशासनिक खंड और शौचालयों के निर्माण का कार्य 70-80 फीसदी तक पूरा हो चुका और अब बिजली के तार लगाने, गैस कनेक्शन और पानी की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इस भवन का गुबंद विशेष शैली में बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि गुरूद्वारा साहिब में कृषि भूमि का एक हिस्सा तैयार किया जा रहा है। यहां ‘निशान साहिब’ ‘खंडा साहिब’ से अधिक ऊंचाई पर करीब 150 फुट पर लहराया जाएगा जो भारत से भी स्पष्ट नजर आएगा। गुरूद्वारा साहिब करतारपुर के प्रमुख सरदार गोबंद सिंह ने कहा कि यदि सिख श्रद्धालु डेरा बाबा नानक के दर्शनों के इच्छुक हैं तो वे आसानी से आ सकते हैं क्योंकि सड़क का निर्माण, गुरुद्वारा साहिब का विस्तार, लंगर हॉल और दो गेट का निर्माण पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि मैं दुनियाभर के सिखों को स्पष्ट करना चाहता हूं कि एक भी ईंट को छुआ नहीं गया है। यह भवन ताजमहज की तरह खड़ा है। नवंबर, 2018 में दोनों देश पाकिस्तान के करतारपुर के गुरूद्वारा दरबार सिंह साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले सीमापार मार्ग पर सहमत हुए थे।करतारपुर में ही गुरू नानक ने अंतिम सांस ली थी। पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण करेगा, जबकि गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से सीमा तक गलियारे के दूसरे भाग का निर्माण भारत करेगा।