अंबिकापुर (छत्तीसगढ़)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकास के मुद्दे पर अटल जी (अटल बिहारी वाजपेयी) ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन शांतिपूर्वक किया। ऐसे ही तेलंगाना का गठन भी शांतिपूर्वक हो सकता था। लेकिन आंध्र के हितों का ध्यान रखें बिना तेलंगाना का गठन कर दिया गया। क्योंकि जब तक भाई को भाई से ना लड़ाएं, लोगों के बीच खाई ना पैदा करें, तब तक कांग्रेस को चैन नहीं पड़ता है। सरकार चुनने का मापदंड होता है कि वह मेरे-तेरे,गांव और शहर,मेरी बिरादरी-तेरी बिरादरी का भेदभाव तो नहीं कर रही है। किसी भी तराजू पर देख लीजिए पूरे देश में भाजपा है जो किसी भी प्रकार का भेद किए बिना एक मंत्र को लेकर चल रही है। सबका साथ, सबका विकास।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह पिछली बार अंबिकापुर आए थे तब यहां के लोगों ने लाल किला बनाया था। जिसे देख कर कुछ लोगों को तकलीफ हुई थी कि मोदी लाल किला में भाषण देने वाले हैं। जबकि उन्हें लगता था कि इसके लिए एक परिवार का ही अधिकार है। वह इस बात के लिए अंबिकापुर की जनता से अभी तक नाराज हैं। आज उन्हें सजा देने का मौका आया है।
मोदी ने कहा कि पहले चरण के मतदान के लिए लोगों ने उमंग और उत्साह के साथ वोट दिया। एक तरफ कुछ लोग बम और बंदूक दिखा रहे थे और लोकतंत्र का गला दबाने का प्रयास कर रहे थे। दूसरी ओर गांव के लोग, वहां रहने वाले निवासी लोकतंत्र कोई के प्रति आस्था रखे हुए थे। बस्तर की जनता ने बिना डरे भारी संख्या में मतदान किया और लोकतंत्र की ताकत को उन्होंने सिद्ध कर दिया। उनका इस बात के लिए अभिनंदन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने चुनाव में भाग लेने के बदले उंगली काट देने की चुनौती दी थी, उन्हें उनका जवाब मिल गया है। बस्तर की जनता ने यहां की जनता को दूसरे चरण के मतदान के लिए भी प्रेरणा दी है। बस्तर की जनता का समर्थन करने का एक ही उपाय है कि यहां पर भी भारी संख्या में मतदान करें। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए इस महीने की 20 तारीख को मतदान होगा।