पीएम मोदी ने बदरीनाथ मास्टर प्लान के लिए दी सलाह
पीएम मोदी ने कहा कि बदरीनाथ धाम के निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ने को कहा। कहा कि बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो, जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। बद्रीनाथ का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न होकर बल्कि पूर्ण रूप से आधात्मिक हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनके ड्रीम प्रोजेक्ट श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी देने के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान भी रखा गया। पीएम ने साफ किया कि श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। उन्होंने इसे मिनी स्मार्ट और आध्यात्मिक सिटी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने होम स्टे भी विकसित जाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि शंकराचार्य जी के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है।
दो ध्यान गुफाओं का काम इस महीने के अंत तक पूरा होगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है। पीएम मोदी के सामने वीडियो कांफ्रेंसिग से श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रजेन्टेंशन दिया गया। इसमें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत देहरादून से, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर दिल्ली से जुड़े।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। यहां देवदर्शिनी स्थल विकसित होगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी बनाई जाएगी। लाइट एंड साउंड सिस्टम के जरिए दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। नजदीक के गांवों में होम स्टे पर काम हो रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जाएगा। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को दी जाएगी। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने काम होगा। सभी काम तय समय पर पूरे किए जाएंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।