फर्जी ई-पास से केदारनाथ जा रहे थे तीर्थ यात्री, चारधाम दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

फर्जी ई-पास से केदारनाथ जा रहे थे तीर्थ यात्री, चारधाम दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

इन 18 ई-पास पर 36 यात्री केदारनाथ दर्शन के लिए जा रहे थे। इन्हें केदारनाथ जाने से भी रोक दिया गया और सोनप्रयाग से ही वापस लौटा दिया।  हाईकोर्ट के आदेश पर चारधाम यात्रा शुरू होते ही बड़ी संख्या में यात्री केदारधाम आ रहे हैं। कोर्ट के निर्देशों पर सरकार ने एसओपी और  देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी ई-पास के अनुसार ही यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति दी है। अब तक कुल 1045 यात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं।

उत्तराखंड में तीन दिन में चारों धाम के दर्शन के लिए कुल 5382 यात्री आ चुके हैं। हेमकुंड साहिब के  299 यात्री दर्शन कर चुके हैं। सबसे ज्यादा  2429 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं। हाईकोर्ट की रोक हटाने के बाद बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री सहित यमुनोत्री धामों में तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूसरे प्रदेशों से भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। केदारनाथ यात्रा के लिए गलत ई-पास दिखाने पर पुलिस ने 18 तीर्थयात्रियों के चालान काटे।

गंगोत्री धाम में शाम 4 बजे तक 212 तीर्थयात्रियों ने मां गंगा के दर्शन किए।  गंगोत्री धाम में अब तक 833 तीर्थयात्री मां गंगा के दर्शन कर लौट चुके हैं। सोमवार को इसी तरह यमुनोत्री धाम में 402 यात्री मां यमुना के दर्शन को पहुंचे हैं।

केदारनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में लगातार उत्साह बढ़ रहा है। हाईकोर्ट के आदेशों पर यात्रा शुरू होने के तीन दिन में 1717 तीर्थयात्री केदार बाबा के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम में आरती के दौरान भी बड़ी संख्या में यात्री पुण्य अर्जित कर रहे हैं। यात्रा शुरू होने के पहले दिन 285 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए जबकि रविवार को 760 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।

चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

ई पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in  पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। प्रत्येक श्रद्धालु  को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा  वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना है। उत्तराखंड  प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

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