मंगलवार सुबह से अफवाह थी कि दून की निरंजनपुर थोक मंडी कोरोना के चलते बंद कर दी गई है। इन अफवाहों ने इतना जोर पकड़ा कि दोपहर में डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बयान जारी कर कहा कि सब्जी मंडियां बंद नहीं की जा रही हैं और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। लेकिन इस चेतावनी का कोई असर बाजार में नहीं दिखा। शाम होते-होते देहरादून की फुटकर मंडियों में लोग की भीड़ जुटने लगी। मंडियों में सबसे ज्यादा डिमांड आलू, प्याज और टमाटर की थी।
कोरोना के चलते दून में सब्जी मंडी बंद होने की अफवाह से लोग आलू, प्याज और टमाटर पर टूट पड़े। लोग इस कदर उमड़े कि, फुटकर मंडियों में आलू, प्याज, टमाटर का स्टॉक खत्म हो गया। अफवाह यह फैली कि, बुधवार से सब्जी मंडियां बंद हो रही हैं। अफवाहों को लेकर डीएम देहरादून दोपहर में चेतावनी भी जारी की लेकिन शाम होते-होते मंडियों में खरीदारों का तांता लग गया और सब्जियों में दाम पांच से 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए। जो मंडियां रात 10 से 11 बजे तक खुली रहती हैं, उनमें शाम आठ बजे से पहले ही सब्जी का स्टॉक खत्म हो गया।
हनुमान चौक मंडी में रात 7:30 बजे पांव रखने तक की जगह नहीं बची थी, जबकि यहां व्यापारियों के पास इतना स्टॉक था कि अफवाह के बीच भीड़ में आलू-प्याज मारामारी में खरीदने के बाद भी यहां रात नौ बजे तक आलू-प्याज मिलता रहा। पटेलनगर लालपुल मंडी में रात आठ बजे ही आलू-प्याज खत्म हो गया था। यही हाल आराघर, नेहरू कॉलोनी और पुलिया नंबर छह की मंडियों का भी रहा। भीड़ बढ़ने के साथ आलू के दाम 25 से बढ़कर 30 रुपये किलो हो गए। प्याज की कीमतें भी 30 के बजाए 40 रुपये तक जा पहुंचीं। टमाटर की कीमतें भी दो गुना वसूली जाने लगी। हालांकि बाकी सब्जियों और राशन को लेकर इस तरह का कोई मारामारी नहीं रही। इधर, मंडी अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि थोक में आलू-प्याज का पर्याप्त स्टॉक है। मंडी बंद नहीं हो रही है, इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें।