पेंशनरों को तीन माह नहीं देना होगा जीवन प्रमाणपत्र उत्तराखंड में

पेंशनरों को सेवानिवृत्ति के महीने एवं पारिवारिक पेंशनरों को पारिवारिक पेंशन मंजूर होने के महीने में वर्ष में एक बार सत्यापन कराने की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन किए जाने का प्रविधान भी किया गया है। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते राज्य में तीन मई तक लॉकडाउन लागू है। इस वजह से पेंशन ऑनलाइन जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर पहुंचने में असमर्थ हैं। साथ ही ऑफलाइन जीवन प्रमाणपत्र कोषागारों व उपकोषागारों में उपलब्ध कराने में भी व्यावहारिक कठिनाई है।

लॉकडाउन की वजह से होने वाली परेशानी को ध्यान में रखकर सरकार ने पेंशनरों को इस वर्ष बीते मार्च माह से लेकर अगले माह मई तक जीवन प्रमाणपत्र कोषागारों व उपकोषागारों में प्रस्तुत करने से छूट दी गई है।

स्थितियां सामान्य होने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद पेंशनरों के लिए आगामी जून माह में उक्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। उक्त तीन माह की अवधि में किसी पेंशनर की मृत्यु होने की स्थिति में पेंशन का भुगतान हो गया तो मृत पेंशनर के जीवनकालीन एरियर अथवा पारिवारिक पेंशन से प्रतिपूर्ति की जाएगी। वित्त अनु सचिव मो ओबेदुल्लाह अंसारी ने सोमवार को उक्त संबंध में कोषागार निदेशक, दोनों मंडलायुक्तों और सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *