स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट हेल्थ स्कीम के तहत अब आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा देने का भी फैसला लिया है। योजना के तहत आयुर्वेदिक अस्पतालों की ओपीडी में इलाज पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति जबकि आईपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत आयुर्वेदिक इलाज को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
सरकार का मकसद है कि कर्मचारी, पेंशनर्स को योजना के तहत सभी तरह का इलाज निशुल्क मिले। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुर्वेदिक इलाज को भी राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की मांग कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से की थी। मंत्री के निर्देश पर विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा था।
जिस पर लगभग सहमति बन गई है। सचिव स्वास्थ्य राधिका झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस निर्णय को हरी झंडी मिल गई है। इसके बाद कैबिनेट में इसे रखा जाएगा। राज्य में लगभग तीन लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स आयुष्मान योजना के दायरे में हैं।
आयुर्वेदिक इलाज को राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल किए जाने के बाद राज्य के बड़े आयुर्वेदिक अस्पतालों को भी योजना के तहत संबद्ध किया जाएगा। इन अस्पतालों में कर्मचारी, पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।