कुंभ में ट्रेन से आने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी
हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान स्नान को अधिकतम 20 मिनट का समय मिलेगा। इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने को, कुंभ मेला प्रशासन को पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात रखने होंगे। किसी भी स्थिति से निपटने को घाटों पर तैराक भी तैनात रखने होंगे। कुंभ मेला की जारी एसओपी में घाटों पर स्नान की व्यवस्था स्पष्ट की गई है। 20 मिनट के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों की निकासी को पर्याप्त संख्या कर्मचारी रखने होंगे। ताकि तीर्थयात्रियों को अगला जत्था समय पर स्नान कर सके। कुंभ मेले के दौरान स्नान घाटों पर किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने को मौके पर तैराक, गोताखोर तैनात रहेंगे। पवित्र स्नानों के दौरान घाटों पर सुरक्षा और सामाजिक दूरी के मानक का पालन करना होगा। इसके साथ मौके पर ट्रेंड स्वयं सेवक, पुलिस बल और कर्मचारियों की टीमें तैनात रहेंगी।
उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के डीआरएम तरुण प्रकाश ने कहा कि कुंभ में ट्रेन से आने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। इसके लिए सभी को रेलवे की ओर से मैसेज भी भेजे जा रहे हैं। आरटीपीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट वाले यात्री को ही ट्रेन में प्रवेश दिया जाएगा। डीआरएम ने कहा कि वर्तमान में करीब 25 जोड़ी ट्रेनें चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार की ओर से रेलवे को फिलहाल कोई भी नई ट्रेन चलाने के लिए मना किया गया है। जिस वजह से फिलहाल इतनी ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार रेलवे स्टेशन के अलावा लक्सर, ज्वालापुर, मोतीचूर और ऋषिकेश रेलवे स्टेशनों तक कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है। एडीआरएम इंफ्रास्ट्रक्चर एनएन सिंह ने कहा कि स्थानीय यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था होगी, इसको लेकर राज्य सरकार के साथ बैठक की जा रही है।
एसओपी में 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों, गर्भवती महिलाओं, दस वर्ष से छोटे बच्चों को स्नान, घाट क्षेत्र में प्रवेश को हतोत्साहित किया जाएगा।
कुंभ मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
– मास्क, दस्ताने के निस्तारण को स्नान घाट पर डस्टबिन रखे जाएंगे। सख्ती के साथ डस्टबिन का इस्तेमाल सुनिश्चित कराना होगा।
– बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी।
– पुलिस, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों को स्नान घाट में संचार तंत्र स्थापित करना होगा। जिसके जरिए घाटों पर तैनात तैराकों के बीच समन्वय बनाया जा सके।
– घाट पर सभी कर्मचारी पीपीई किट से लैस होंगे। सभी सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे।