श्रीलंका में पाकिस्तान की हुई किरकिरी

नयी दिल्ली। श्रीलंका में यूनिसेफ के एक कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दा उठाने के पाकिस्तान के प्रयासों को भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने विफल कर दिया। इससे कुछ दिन पहले भी भारत ने मालदीव में क्षेत्रीय बैठक में ऐसे एक प्रयास को सफल नहीं होने दिया था। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबो में मंगलवार को बाल अधिकार समझौते पर हुए यूनिसेफ के दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन में कश्मीर में अधिकार मुद्दों को उठाने की कोशिश की जिसपर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अल्पसंख्यकों के अधिकार मुद्दों पर पाकिस्तान के रिकॉर्ड की निंदा की।

गोगोई ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को मानवाधिकारों, अल्पसंख्यकों की दुर्दशा और “ईशनिंदा कानून” के संबंध में उनके देश की आंतरिक स्थिति की याद दिलाई। गोगोई और भाजपा सांसद संजय जायसवाल को कार्यक्रम के एक वीडियो फुटेज में देखा गया जिसमें वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कश्मीर भारत का अंदरुनी मामला है। दोनों भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

बाद में एक वीडियो बयान में गोगोई ने कहा कि यह, “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” है कि यूनिसेफ द्वारा बाल अधिकारों पर आयोजित सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें ठीक से याद दिला दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तथा भारतीय लोकतंत्र के साझेदारों के तौर पर एक भारतीय आवाज सुनी जाएगी न कि छिपे हित वालों की, न विदेश की और पाकिस्तान की तो निश्चित तौर पर नहीं।”

इससे पहले रविवार को मालदीव में हुए ‘साउथ एशियन स्पीकर्स समिट’ में कश्मीर मुद्दा उठाने के पाकिस्तान के प्रयासों पर दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई थी। शिखर वार्ता में मौजूद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद को दिए जाने वाले सभी समर्थन को खत्म करना होगा और आतंकवाद मानवता के लिए “सबसे बड़ा खतरा है।” पाकिस्तान नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने “सतत विकास लक्ष्यों” पर चर्चा के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाने का प्रयास किया था।

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