इस्लामाबाद। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) पाकिस्तान को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 अक्टूबर को यह बयान दिया था। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने राजनाथ के बयान को खारिज करते हुए कहा कि वे एफएटीएफ की प्रक्रिया का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
वहीं, एफएटीएफ से जुड़े एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने माना है कि पाकिस्तान ने यूएनएससीआर 1267 के प्रावधानों को उचित तरह से लागू नहीं किया। वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत दूसरे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। ऐसे में अगले हफ्ते पेरिस में होने वाली बैठक में उसे ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में रखा जा सकता है।
राजनाथ ने कहा था, ‘‘हमारा पड़ोसी देश एक उदाहरण है, जहां की आर्थिक हालत काफी खराब है। वह सैन्यकरण और आतंकवाद की ओर गलत दिशा में चला गया है। आज ऐसी स्थिति आ गई है कि टेरर फंडिंग के मामले में अतंरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ उसे ब्लैक लिस्ट कर सकती है। उनके प्रधानमंत्री वैश्विक स्तर पर पूरी तरह से असफल रहे।’’
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए चीन के राष्ट्रपतिशी जिनपिंग से मिलने पहुंच गए हैं। इमरान तीन दिन के दौरे पर चीन गए हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, इमरान इस दौरान जिनपिंग से क्षेत्रीय मामलों को लेकर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) और जम्मू-कश्मीर को लेकर भी बात हो सकती है।