इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने दो हफ्ते पहले ही कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में उठाने की बात कही थी। हालांकि, इमरान सरकार की इन कोशिशों को झटका लगा है। आईसीजे में पाक के ही वकील खवर कुरैशी ने कहा है कि दुनिया कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानती है। साथ ही पाक के पास कश्मीर में नरसंहार के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में कश्मीर का मुद्दा उठाना पाक के लिए काफी मुश्किल साबित हो सकता है।
खवर कुरैशी वही वकील हैं जिन्होंने कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में पाकिस्तान की तरफ से पक्ष रखा था। लाहौर स्थित पाक के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यहां कश्मीर को लेकर स्थिति काफी साफ है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बात आती है तो लोग जम्मू-कश्मीर को भारत का ही हिस्सा मानते हैं।
पाक ने दो हफ्ते पहले ही कहा था कि वह कश्मीर मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान ने यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी उठाया था, जहां उसे निराशा ही हाथ लगी थी। सुरक्षा परिषद में हुई गुप्त बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई थी। पाकिस्तान और उसके सहयोगी चीन द्वार इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश नाकाम रही।
भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया। घाटी से अनुच्छेद 370 और 35-ए को निष्प्रभाव कर दिया गया। इसके बाद से ही घाटी में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर मामले को यूएनएससी में भी उठाया था, मगर चीन को छोड़कर किसी देश ने उसका साथ नहीं दिया।
इस बैठक में शामिल 15 सदस्यों ने सुरक्षा परिषद में साफ तौर पर कहा था कि कश्मीर नई दिल्ली और इस्लामाबाद का द्विपक्षीय मामला है। ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि बैठक के बाद कोई बयान या परिणाम जारी नहीं किया जाना चाहिए। चीन ने अपनी राष्ट्रीय क्षमता के आधार पर बयान दिया। इसके बाद भारत ने कहा कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है। पाकिस्तान के पास संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को उठाए जाने का कोई आधार नहीं है।