कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन सपोर्ट, केंद्र से मांगे गए 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर
स्वास्थ्य विभाग भी यह मान रहा है कि पिछले कुछ समय में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है, पर प्रदेश में इसे लेकर पर्याप्त इंतजाम हैं। केंद्र से भी 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की है, इनमें एक हजार सिलेंडर मिल चुके हैं।
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने और अस्पतालों में बेड फुल होने के कारण अब तमाम अन्य विकल्प भी तलाशें जा रहे हैं। इसी क्रम में कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम तैयार किया जा रहा है। वहीं, कोरोनाकाल में मध्यम लक्षण वाले और गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इससे सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की खपत तीन गुना तक बढ़ गई है।
प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बेड फुल होने के कारण अब कोविड केयर सेंटरों में भी आक्सीजन सपोर्ट सिस्टम लगाए जा रहे हैं। दून में महाराणा प्रताप स्पोट्र्स स्टेडियम में बने कोविड केयर सेंटर में इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। यहां मंगलवार से ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण पिछले कुछ समय में काफी तेजी से बढ़ा है। स्थिति ये है कि पिछले एक पखवाड़े में कोरोना के करीब साढ़े चौदह हजार नए मामले आ चुके हैं। यही नहीं सक्रिय केस भी ग्यारह हजार के करीब पहुंच गए हैं। ऐसे में तमाम इंतजाम ध्वस्त होने लगे हैं। मसलन आइसीयू बेड के लिए लंबी वेटिंग चल रही है। यही नहीं सामान्य बेड के लिए भी खासी मारामारी है। इससे पार पाने की जुगत में सिस्टम लगा है। इस बीच ऑक्सीजन की बढ़ती खपत भी ङ्क्षचता का सबब बन रही है।
कोरोना के शुरुआती चरण में जो मरीज थे, उनमें से अधिकांश बिना लक्षण वाले सामान्य किस्म के मरीज थे। कम मरीजों को ही ऑक्सीजन, आइसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही थी। लेकिन, पिछले कुछ वक्त से ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब आइसीयू और वेंटीलेटर फुल चल रहे हैं। यही नहीं अस्पतालों में भर्ती 30-35 फीसद मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की भी जरूरत पड़ रही है। ऐसे में ऑक्सीजन की भी डिमांड बढ़ गई है। पहले हर दिन दो हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की डिमांड होती थी जो अब छह हजार के करीब पहुंच गई है। इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग ने सभी कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन का स्टॉक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, निजी आपूर्तिकर्ताओं को भी अलर्ट पर रहने को कहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने टिहरी, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की मंजूरी दी है। प्लांट के लिए जमीन की तलाश भी पूरी हो चुकी है और अगले कुछ समय में प्लांट की स्थापना हो जाएगी। इससे पर्वतीय जिलों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई में दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही, अन्य जिलों में सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। ताकि अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पडऩे पर पूर्ति की जा सके। मरीजों तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंच सके इसके लिए सभी जिला अस्पतालों को ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाई जा रही है।
इस कोविड-केयर सेंटर की 750 बेड की क्षमता है, जिनमें अभी 550 क्रियाशील हैं। सभी बेड क्रियाशील करने के साथ ही कुछ अतिरिक्त बेड भी यहां जोड़े जा रहे हैं। पर सबसे बड़ी चुनौती स्टाफ की तैनाती है। अभी तक यहां पर केवल तीन चिकित्सक, तीन स्टाफ नर्स, दो फार्मेसिस्ट, एक वार्ड ब्वाय, पांच सफाई कर्मी और पांच सुरक्षा कर्मी तैनात है। जिस हिसाब से तैयारी है, कई ज्यादा स्टाफ की जरूरत पड़ेगी।
अमित नेगी (स्वास्थ्य सचिव) का कहना है कि राज्य में अभी ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। अभी पंद्रह से बीस दिन का स्टॉक है और आगे की भी तैयारी कर ली गई है। कुछ नए प्लांट को मंजूरी दी गई है। जबकि केंद्र से भी मदद ली जा रही है।