10 मार्च को मतलब परस्त दलों के कर्मों का होगा हिसाब : भावना पांडे

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवँ उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे बीते कईं वर्षों से जनसेवा के कार्य करती आ रहीं हैं। अपने समाज सेवा के कार्यों के दौरान उन्होंने पहाड़ की पीड़ा और उत्तराखंड वासियों की तकलीफों को बेहद करीब से देखा और महसूस किया। तभी उन्होंने मन में ये ठान लिया कि वे राज्य की जनता के दुःख-दर्द मिटाने के लिए राजनीतिक दल का गठन करेंगी।

जिसके पश्चात उन्होंने अपने संकल्प को अमलीजामा पहनाया और जनता कैबिनेट पार्टी के नाम से एक राजनीतिक दल (जेसीपी) का गठन किया। जेसीपी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का कहना है कि उन्हें राजनीति करने का कोई शौंक नहीं है। वे पहाड़ की महिलाओं के दुःख-दर्द व राज्य के बेरोजगार युवाओं की दुर्दशा को देख चुनावी मैदान में उतरीं हैं।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड की जनता आजतक बस बीजेपी और कांग्रेस पर ही दाव खेलती आई है और बार-बार इन्हीं मतलबी दलों के हाथों छली गई है। किन्तु इस बार राज्य में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने उत्तराखंड के हित में कोई काम नहीं किया, पहाड़ वासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में तकलीफें झेलने को विवश हैं। राज्य की मातृशक्ति एवँ युवा बेरोजगारी की मार झेल रहें हैं।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के नेता उत्तराखंड की जनता से बस झूठ बोलते आये हैं और अब चुनाव प्रचार के दौरान भी ये नेता झूठ बोलने की सियासत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश की जनता इनके खोखले वायदों में नहीं आएगी। विकास के नाम पर उत्तराखंड को विनाश की ओर ले जाने वाले धोखेबाज सियासी दलों को राज्य की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

जेसीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह “क्रेन” है और वे इसी “क्रेन” के ज़रिए बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं को उत्तराखंड की सियासत से बाहर करेंगी। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में तख्ता पलट होने जा रहा है। उत्तराखंड की जनता इस बार दमनकारी बीजेपी और कांग्रेस को दरकिनार कर जनता कैबिनेट पार्टी को चुनने जा रही है। आगामी 10 मार्च को इन मतलब परस्त दलों के कर्मों का हिसाब होगा।

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