32 हजार के करीब पहुंची मरीजों की संख्या, 24 घंटे में मिले 1637 संक्रमित

32 हजार के करीब पहुंची मरीजों की संख्या, 24 घंटे में मिले 1637 संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली रिपोर्ट के अनुसार, आज देहरादून में भी रिकॉर्ड 623 और हरिद्वार में 318 संक्रमित मरीज आए हैं। वहीं, नैनीताल में 211 और ऊधमसिंह नगर में 240 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में 13, चमोली में सात, चंपावत में 32, पौड़ी में 57, पिथौरागढ़ में 34, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 27 और उत्तरकाशी में 47 संक्रमित मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही मरीजों की संख्या 31973 पहुंच गई है।

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण ने आज फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया। 24 घंटे के अंदर प्रदेश में 1637 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इसके साथ ही अब प्रदेश में मरीजों की संख्या 31 हजार पार हो गई है। वहीं 12 संक्रमित मरीजों की आज मौत हुई है।

वहीं, आज प्रदेश में 1009 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। प्रदेश में अब तक कुल 21040 मरीज ठीक हो चुके हैं। जबकि एक्टिव केस की संख्या 10397 हो गई है।

उत्तराखंड में पहले की तुलना में कोविड जांच की सैंपलिंग बढ़ी है। वर्तमान में प्रतिदिन आठ से 10 हजार सैंपलों की जांच रिपोर्ट आ रही है। जांच बढ़ने से मैदानी जिलों में जहां सैंपलों की प्रतीक्षा घटी है, वहीं पर्वतीय जिलों में संख्या बढ़ी है। टिहरी और चंपावत जिले में 26 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच लंबित है।

प्रदेश में अब तक 4.80 लाख से अधिक कोविड जांच की गई है। इसमें लगभग 4.50 लाख से अधिक लोगों के सैंपल में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। वर्तमान में प्रदेश भर से 13800 से ज्यादा सैंपलों की जांच प्रतीक्षा में है। टिहरी जिले में 2689, चंपावत में 2697 और चमोली में 1349 सैंपलों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। इसी तरह देहरादून जिले में 1398, हरिद्वार में 951, नैनीताल में 659, पौड़ी में 437, पिथौरागढ़ में 310, रुद्रप्रयाग में 292, उत्तरकाशी में 804, अल्मोड़ा में 671, बागेश्वर जिले में 361 सैंपलों की जांच प्रतीक्षा में है।

सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि प्रदेश में स्थापित लैब क्षमता के अनुसार सैंपल टेस्ट कर हैं। सरकार का फोकस सैंपलिंग बढ़ाने पर है। जिससे जिलों से भी पहले की तुलना में प्रतिदिन ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं। दून, श्रीनगर मेडिकल कालेज और आईवीआरआई मुक्तेश्वर में स्थापित लैब की क्षमता बढ़ाई जा रही है। वहीं, जल्द ही नई लैब भी शुरू की जा रही है। इससे आने वाले समय में सैंपल जांच का बैकलॉग नहीं रहेगा।

उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश बॉर्डर स्थित कौड़िया चेक पोस्ट पर रैपिड एंटीजन किट उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को तत्काल कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है, जिससे लोगों को रिपोर्ट आने तक होम क्वारंटीन रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। एम्स ऋषिकेश से रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लग रहे हैं, जिससे दिक्कत हो रही है।

यूपी बॉर्डर पर वर्तमान में प्रतिदिन करीब एक सौ लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिन लोगों के सैंपल लिए गए हैं, उनके मोबाइल नंबर और पते स्वास्थ्य विभाग के रजिस्ट्रर में दर्ज किए जा रहे हैं। रैपिड एंटीजन किट नहीं होने के कारण लोगों के कोरोना सैंपल को एम्स ऋषिकेश जांच के लिए भेजा जा रहा है।

कौड़िया चेक पोस्ट पर दिल्ली से पहुंचे किशोर शर्मा, राजस्थान से पहुंचे डा. प्रेम, पूना से राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सरकार द्वारा उत्तराखंड बार्डर पर ही टेस्ट की आदेश के बाद वे उत्तराखंड आए थे, लेकिन यहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा मौजूद नहीं है।

उनका कोरोना सैंपल लिया गया है। तीन दिन बाद रिपोर्ट आने की बात बताई जा रही है। कहा गया है कि उन्हें रिपोर्ट आने तक सरकारी क्वारंटीन में रहना पड़ेगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें अपने घर जाने की अनुमति दी जाएगी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें आइसोलेट किया जाएगा।

शहरी विकास मंत्री के बाद अब उनके छोटा भाई का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनके चालक के की कोरोना जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इन सभी लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देने पर होम आइसोलेट कर दिया गया है।

मालूम हो कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक कुछ रोज पहले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे। जानकारी के अनुसार उनके छोटे भाई मुकेश कौशिक अपनी पत्नी की बीमारी का इलाज करवाने के लिए दिल्ली गए थे। दिल्ली के अस्पताल में उनकी पत्नी की कोरोना की जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

इसके बाद मुकेश कौशिक ने अपनी जांच करवाई तो वह भी पॉजिटिव पाए गए। बताया जाता है कि दिल्ली से लौटकर उन्होंने अपने बेटे और कार चालक की जांच करवाई। ये दोनों लोग भी संक्रमित पाए गए। इनके अलावा उनके कार्यालय के दो अन्य कर्मचारियों में भी पुष्टि हुई है।

रोशनबाद स्थित मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आठ कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। कोरोना की पुष्टि होने के बाद विभागीय कार्यालय को 17 सितंबर तक बंद रखने के आदेश जारी कर दिए है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय, बेसिक शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना कार्यालय के अधिकारी अपने घर पर रहकर कार्य करेंगे। विभाग का कार्यालय अब 18 सितंबर को खुलेगा।

मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच पुलिस ने भी चेकिंग कड़ी कर दी है। पर्यटकों को कोविड सर्टिफिकेट न होने पर लौटाया जा रहा है। रविवार को इस वजह से कोल्हूखेत में पर्यटकों की भीड़ लगी रही।

मसूरी पुलिस ने रविवार को चेकिंग अभियान चलाया। इसके तहत पर्यटकों की जांच की गई। जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं था, उन्हें लौटा दिया गया। मसूरी आने वाले पर्यटकों ने कहा कि पुलिस द्वारा देहरादून कुठाल गेट में ही मसूरी आने के लिए बनाए गए नियमों को जांच करनी चाहिए, जिससे अगर नियमों का पालन ना करने पर उनको वहीं से लौटाया जाए।

वह मसूरी से मात्र 13 किलोमीटर दूरी पर रोके गए हैं। इससे वापस लौटने के दौरान कई पर्यटकों की नोकझोंक भी हुई। दूसरी ओर पर्यटकों की आमद बढ़ने से स्थानीय लोग चिंतित नजर आए। उनका कहना है कि इससे कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। सीओ मसूरी नरेन्द्र पंत ने बताया कि पुलिस द्वारा अन्य राज्य से मसूर की आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

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