अब उत्तराखंड का कोई नागरिक निरक्षर नहीं रहेगा, राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए ‘पढ़ना-लिखना’ अभियान चलाया जाएगा

उत्तराखंड राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए ‘पढ़ना-लिखना’ अभियान चलाया जाएगा

यह अभियान सफल रहा तो उत्तराखंड पूर्ण साक्षर राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। देश में समय-समय पर चले साक्षरता अभियान के चलते राज्यों की साक्षरता दर में सुधार हुआ है। एनएसओ के सर्वे के मुताबिक वर्तमान में उत्तराखंड की साक्षरता दर 87.6 फीसदी है। जिसमें 94.3 फीसदी पुरूष व  80.7 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं।

अब उत्तराखंड का कोई नागरिक निरक्षर नहीं रहेगा। राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए ‘पढ़ना-लिखना’ अभियान चलाया जाएगा। अभियान के माध्यम से राज्य के 11.96 लाख लोगों को साक्षर बनाया जाएगा। अभियान के लिए केन्द्र सरकार से 7.52 करोड़ की योजना को मंजूरी मिल गई है।

इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उत्तराखंड को पूर्ण सारक्षर बनाने के  अभियान के लिए 7.52  करोड़ रुपये की योजना  को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत राज्य में शिक्षा विभाग की ओर से ‘पढ़ना लिखना’ अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत 15 साल से अधिक के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा।

इस अभियान को चलाने के लिए शिक्षा विभाग अलग से सेल का गठन करेगा। अभियान के तहत लोगों को समाचार पत्र पढ़ने, यात्रा चिह्नों की पहचान, पत्र लिखने, विभागों के फार्म भरे जाने तक की शिक्षा दी जाएगी।

डिजिटल एप व ई-मेटीरियल से पढ़ाई

अभियान के तहत लोगों साक्षर बनाने के लिए एनसीईआरटी व एनबीटी की पुस्तकों के साथ ही डिजिटल एप व ई-मेटिरियल को भी माध्यम बनाया जाएगा। अभियान के तहत लोग मोबाइल पर एप के माध्यम से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। अभियान के दौरान अभ्यर्थी के पूर्ण साक्षर हो जाने पर उसे बेसिक साक्षरता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।

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