उत्तराखंड में अब नक्शा पास कराना हुआ आासान, विकास शुल्क और भू-उपयोग बदलने में भी छूट

उत्तराखंड में अब नक्शा पास कराना हुआ आासान, विकास शुल्क और भू-उपयोग बदलने में भी छूट

पहले विकसित क्षेत्रों में यह शुल्क सर्किल रेट के एक प्रतिशत लिया जाता था, जबकि अविकसित क्षेत्रों में पांच प्रतिशत लिया जा रहा था। इस तरह प्राधिकरण में नए शामिल क्षेत्रों में अब नक्शे की फीस घट जाएगी। इसी तरह विस्थापित क्षेत्रों में भवन बनाने पर मूल आबंटियों से भी विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। अलबत्ता मूल आबंटियों से जमीन खरीदकर कोई भवन बनाता है तो उन्हें विकास शुल्क देना होगा।

उत्तराखंड में प्रदेश के विकास प्राधिकरणों से भवन का नक्शा पास कराना सस्ता हो गया है साथ ही इसकी प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। आवास विभाग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। भाजपा सरकार ने प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के काम काज में सुधार के लिए आवास मंत्री बंशीघर भगत की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आवास विभाग ने तीन अहम बदलाव लागू कर दिए हैं। इसमें विकास प्राधिकरणों में अब सब डिविजनल शुल्क एक समान एक प्रतिशत कर दिया गया है।

आवास विभाग ने महायोजना वाले क्षेत्रों में भू उपयोग में बदलाव की प्रक्रिया को भी आसान कर दिया है। अब चार हजार से दस हजार वर्ग मीटर तक के भूखंड का भू उपयोग बदलाव का अधिकार जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को प्रदान कर दिया गया है। जबकि 10001 से पांच हजार वर्ग मीटर तक का अधिकार उडा और इससे बड़े भूखंड का भू उपयोग शासन स्तर से बदला जा सकेगा। इसी तरह पीएम आवास योजना के लिए भू उपयोग परिवर्तन स्थानीय विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हो सकेगा।

उद्योग विभाग के सिंगल विंडो से आने वाले आवेदनों पर मुख्यसचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी के अनुमोदन के बाद जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण निर्णय लेंगे। पहले भू उपयोग के लिए कैबिनेट तक जाना पड़ता था, जिसमें अत्यधिक समय लग रहा था। इसके साथ ही विभाग ने बिल्डिंग बायलॉज में 25 प्रतिशत तक छूट का अधिकार स्थानीय जिला विकास प्राधिकरण को दे दिया है, इसके बाद 50 प्रतिशत तक छूट उड़ा दे सकेगा, जबकि इससे अधिक छूट प्रदान करने का अधिकार शासन के पास सुरक्षित रहेगा।

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