कोरोना के साथ अब डेंगू का डंक, 12 में पुष्टि

कोरोना के साथ अब डेंगू का डंक, 12 में पुष्टि

इस वक्त ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और किसी को भी तेज बुखार, डेंगू के लक्षण दिखे तो सबसे पहले खून की जांच कराएं। दून में बरसात के मौसम में जलभराव आम बात है, जमा पानी में पनपने वाले मच्छर ही डेंगू की वजह बनते हैं। बुखार आने पर पैरासिटामोल ही लें। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही कोई दवा ले सकते हैं।

देहरादून शहर में डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब तक 12 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सात अकेले इंदिरानगर के हैं। हालांकि, सभी की हालात सामान्य है। इस वक्त कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं है। विशेषज्ञ चिकत्सिकों ने लोगों से विशेष एहतियात बरतने की अपील की है। कोरोनेशन अस्पताल के वरष्ठि फिजीशियन डॉ. एनएस बष्टि, गांधी अस्पताल के वरष्ठि फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार कहते हैं कि डेंगू बारिश के मौसम में तेजी से फैलता है।

12 में से पांच को ही भर्ती करना पड़ा

डेंगू के इस साल 12 मामलों से केवल पांच लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी है। हालांकि, उनको भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पिछले साल एक भी मामला नहीं आया था। इससे पहले 2019 में डेंगू ने कहर बरपाया था और पांच हजार के करीब मामले आए थे।

इन दिनों आशाओं की हड़ताल चल रही है। इससे सर्वे प्रभावित हो रहा है। हालांकि, जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी कहते हैं कि आशा फैसिलिटेटर, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम सर्वे कर रही है। आशाओं के काम पर लौटने पर सघन अभियान चलाया जाएगा।

सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। जांच एवं बेड की व्यवस्था की गई है। दून, कोरोनेशन, गांधी, प्रेमनगर और रायपुर अस्पताल में डेंगू वार्ड बना दिए गए हैं। यहां मच्छरदानी और दवाइयों के साथ पर्याप्त स्टाफ भी है।

डेंगू बुखार के लक्षण

-तेज बुखार आना और ठंड लगना
-ब्लड प्रेशर का सामान्य से बेहद कम हो जाना
-मांसपेशी-जोड़ों, सिर और पूरे शरीर में दर्द होना
-शारीरिक कमजोरी आना, भूख नहीं लगना
-पूरे शरीर पर रैशेज भी हो सकते हैं
-तेज बुखार 3-4 दिनों तक रहता है, कई बार पेट दर्द की शिकायत भी होती है और उल्टियां होने लगती हैं।

ऐसे करें डेंगू की रोकथाम

-घर के आसपास पानी जमा न होने दें
-कूलर के पानी को हर सप्ताह बदलें
-गमले और छत पर पड़े डब्बिे, टायरों और पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
-घर में साफ-सफाई रखें, मॉस्किटो रेपेलेंट का छिड़काव करें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
-मच्छरों से बचने के लिए क्रीम लगाएं। (दून अस्पताल के डेंगू वार्ड प्रभारी डॉ. अंकुर पांडेय के मुताबिक)

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