मोटापा कम करने के लिए नहीं पड़ेगी किसी वर्कआउट की जरूरत
वैज्ञानिकों की मानें तो प्रोटीन में इतनी शक्ति मौजूद होती है कि वह वजन कम करने के लिए जिम,एक्सरसाइज और पैदल चलने से मिलने वाले रिजल्ट बिना शरीर हिलाए ही दे सकता है। खास बात यह है कि यह प्रोटीन गोलियों के रूप में नहीं बल्कि यह स्वाभाविक रूप से व्यक्ति के शरीर के अंदर ही मौजूद होता है।
वजन घटाने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते हैं। घंटों जिम में पसीना बहाने से लेकर अलग-अलग तरह के योग, हर तरह का वो वर्कआउट जो बताया जाता है कि मोटापा कम करने में मदद करता है। बावजूद इसके मनचाहा रिजल्ट नहीं मिलता। पर अगर आपसे कहा जाए कि बिना किसी वर्कआउट के भी आपका कई किलो वजन छूमंतर हो सकता है तो, आपको शायद इस बात पर यकीन न आए, लेकिन यह बात बिल्कुल सच है। जी हां, दरअसल वैज्ञानिकों ने व्यक्ति के शरीर में एक ऐसा प्रोटीन खोज निकाला है जो बिना शरीर हिलाए ही वेट लॉस करने में मदद करेगा।
यूनिवर्सिटी आफ मिशीगन के शोधकर्ताओं ने पाया कि सेस्टरीन नाम का एक प्रोटीन बिना मसल्स हिलाए भी एक अच्छे वर्कआउट के सभी बेनिफिट्स व्यक्ति को दे सकता है।
डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूल एंड इंटीग्रेटिव साइकोलॉजी में रिसर्च असिस्टेंट प्रोफेसर म्युंगजिन किम की मानें तो ‘सेस्टरीन’ नाम का यह प्रोटीन एक्सरसाइज करने के बाद मसल्स में जम जाता है। किम प्रोफेसर्स जून ही ली कि एक की टीम के साथ काम करती हैं। जो प्रोटीन और एक्सरसाइज के बीच के सम्बन्ध के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
ड्रोसोफिला मक्खियों की सामान्य वृत्ति का फायदा उठाते हुए वयन स्टेट यूनिवर्सिटी इन डेट्रॉइट व उनके सहयोगियों ने एक प्रकार का ट्रेड मिल बनाया।
इस टीम ने तीन हफ्तों के लिए उस ट्रेडमिल का उपयोग करके मक्खियों को ट्रेन किया। बाद में इन ट्रेंड मक्खियों को दूसरी सामान्य मक्खियों के साथ कंपेयर किया गया। जिसमें उनकी उड़ान और दौड़ने की क्षमता में अंतर को समझकर शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मक्खियों में सेस्टरीन को बनाने की कमी थी।
ली ने कहा, “आमतौर पर मक्खियां 4 से 6 घंटे तक चलती थी। इस समय के दौरान सामान्य मक्खियों में सुधार देखने को मिला। लेकिन ट्रेंड मक्खियों में सेस्टरीन की कमी होने के कारण उनकी एक्सरसाइज में कोई इंप्रूवमेंट नहीं हुआ।
जब शोधकर्ताओं ने सामान्य मक्खियों में सेस्टरीन की ओवरएक्सप्रेस्ड मात्रा को देखा, तो उन्होंने यही समझा कि उन मक्खियों में ट्रेंड मक्खियों के बजाय ज्यादा क्षमता थी और वह भी बिना एक्सरसाइज किए। इसके अलावा जब एक्सरसाइज की जाती है, तो वह ओवरएक्सप्रेस्ड मक्खियां धैर्य नहीं रख पाती।
चूहों में अक्सर सेस्टरीन की कमी देखी जाती है क्योंकि वह ज्यादा एक्सरसाइज और व्यायाम से जुड़े होते हैं। उनकी इसी कमी के कारण चूहों में फैट बर्न करने, सांस लेने, एरोबिक कैपेसिटी में कमी देखी जा सकती है।
ली सुझाव देते हुए कहते हैं, “विभिन्न मेटाबोलिक मार्गों को चलाकर या बंद करके, सेस्टरीन बायोलॉजिकल एक्टिविटीज के साथ कोआर्डिनेट कर सकता है।” वह आगे कहते हैं, इस तरह का कंबाइन एफर्ट व्यायाम के प्रभावों में महत्वपूर्ण होगा।
क्या सेस्टरीन की सप्लीमेंट्स होराइजन पर हो सकती है? नहीं, ली ने कहा, कि सेस्टरीन के कोई छोटे मॉलिक्यूल्स नहीं हैं, लेकिन “हम सेस्टरीन के छोटे मोलिक्यूल्स के मॉड्यूल को खोजने के लिए काम कर रहे हैं”।