उत्तराखंड आने के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक राज्य ने भी अनलॉक की नई एसओपी को जारी कर दिया। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने एसओपी जारी करते हुए कहा कि नए मानक एक फरवरी से लागू होंगे। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि अभी तक दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था। अब इसे खत्म कर दिया गया है। बॉर्डर पर होने वाली रैंडम सैंपलिंग भी नहीं की जाएगी।
कोरोना की वजह से तय कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी गतिविधियों को सामान्य कर दिया गया है। राज्य के बाहर और भीतर आवाजाही के लिए अलग से किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता खत्म हो गई। हालांकि कुंभ मेले को देखते हुए अलग से एसओपी जारी की जाएगी।
कंटेनमेंट जोन का निर्धारण अब माइक्रो लेवल पर जांच के बाद ही किया जाएगा। जिस क्षेत्र में केस पाए जाएंगे, केवल उसे ही कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया जाएगा। जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी की वो बेहद गहनता के साथ प्रभावित क्षेत्र का सीमांकन करे।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी डीएम कोविड 19 की रोकथाम के लिए तय मानकों का सख्ती से पालन कराएंगे। यदि आवश्यकता पड़ती है तो वो धारा-144 यानि निषेधाज्ञा भी लागू कर सकते हैं। कोविड 19 की रोकथाम के लिए लागू नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन के स्तर से संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क, हाथों की सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माने की व्यवस्था जारी रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नियंत्रण के मानक सख्ती से लागू होंगे।
सामाजिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सभाओं के आयोजन केंद्र सरकार और जिला प्रशासन द्वारा तय एसओपी के अनुसार ही होंगे। जबकि सिनेमा हॉल और सिनेमाघर का संचालन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एसओपी के अनुसार किया जा सकेगा। स्वीमिंग पूल, प्रदर्शनी हॉल भी केंद्रीय एसओपी के अधीन संचालित होंगे। सिनेमा हॉल में 50 फीसदी से ज्यादा क्षमता के साथ दर्शक को आने की अनुमति दी जाएगी। साथ आम लोगों के लिए स्वीमिंग पूल भी खोल दिए जाएंगे।