कोरोना की जंग में 20 दिनों के अंदर शुरू हो जाएंगे नौ ऑक्सीजन प्लांट
एक अप्रैल, 2020 में राज्य में सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था, जबकि एक अप्रैल 2021 से मेला हॉस्पिटल हरिद्वार, जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है। इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता का उत्पादन हो रहा है। सचिव ने बताया कि राज्य में नौ ऐसे स्थान हैं जहां अगले 15-20 दिन के भीतर आक्सीजन प्लांट लग जाएंगे। इनमें हल्द्वानी व अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ा, चंपावत, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ समेत नौ शामिल हैं ।
राज्य के सात जिला अस्पतालों व दो मेडिकल कालेजों में अगले 20 दिन के भीतर आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे। आक्सीजन की लगातार बढ़ती डिमांड के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी ने बताया कि शुरुआत में राज्य को आठ मीट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत पड़ती थी। अप्रैल 21 में इसकी डिमांड 15 से 20 मीट्रिक टन पहुंची और आज लगभग 100 मीट्रिक टन तक मांग है। निकट भविष्य में यह मांग और बढ़ने की उम्मीद है।
सचिव ने बताया कि एक अप्रैल को 2020 को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 116 वेंटीलेटर बेड जबकि एक साल बाद इनकी संख्या 695 की गई। दो मई तक इन बेडों की संख्या 842 हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 20 को ऑक्सीजन बैड कुल 673 थे, एक अप्रैल 21 को इनकी संख्या 3,535 थी जबकि अब 6002 उपलब्ध हैं। पिछले एक माह भीतर लगभग 2500 आक्सीजन बैड राज्य में बढ़ाए गए।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में एक अप्रैल 20 को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडर 1193 थे। वर्तमान में इनकी संख्या 9917 पहुंच गई है। ये सभी सिलेंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अप्रैल, 20 को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स 275 थे जो एक साल बाद 1275 हो गए थे।