कोरोना के बढ़ते केसों के बीच उत्तराखंड में बदला नाइट कर्फ्यू का टाइम

कोरोना के बढ़ते केसों के बीच उत्तराखंड में बदला नाइट कर्फ्यू का टाइम

उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 3012 नए मरीज मिले और 27 संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा एक लाख 29 हजार पहुंच गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1919 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को देहरादून में 999, हरिद्वार में 796, यूएस नगर में 565, नैनीताल में 258, टिहरी में 137, अल्मोड़ा में 66, बागेश्वर में 13, चमोली में 24, चम्पावत में 28, पौड़ी में 80, पिथौरागढ़ में 28, रुद्रप्रयाग में 12 और उत्तरकाशी जिले में छह लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसाें के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सख्त कदम उठाया है। त्यौहारी सीजन के शुरुआत में नाइट कर्फ्यू के टाइमिंग में छूट देने के बाद अब तीरथ सरकार ने और सख्ती कर दी है। मंगलवार देर शाम को जारी आदेश में नाइट कर्फ्यू का टाइम रात्रि 10 बजे से घटाकर शाम सात बजे तक कर दिया है। अब प्रदेश में शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू होगा। ये उन्हीं स्थानो के लिये है जहां पहले से रात्रि कर्फ्यू लागू है। मुख्यमंत्री ने जनता से अनुरोध किया है कि कोविड से सम्बंधित नियमों का पालन करें। साथ ही मुख्यमंत्री ने समस्त जिलाधिकारियों  एवं पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देशित किया है कि कोविड से सम्बंधित नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं।

राज्य में बढ़ती संक्रमण की दर का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर दिन बड़ी संख्या में नए नए कंटेनमेंट जोन बन रहे हैं। मंगलवार के बुलेटिन के अनुसार राज्य में कुल 106 कंटेनमेंट जोन हो गए हैं। इसमें से 47 कंटेनमेंट जोन अकेले देहरादून जिले में हैं। इसके अलावा हरिद्वार में नौ, नैनीताल में 35, पौड़ी में तीन, उत्तरकाशी में पांच, यूएस नगर में एक, चम्पावत में पांच और चमोली में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

राज्य लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से एक्टिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य के अस्पतालों में भर्ती और होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों का कुल आंकड़ा 21 हजार 14 पहुंच गया है। हालांकि मंगलवार को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 737 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया लेकिन तीन हजार से अधिक नए मरीज मिलने से अस्पतालों का दबाव जरा भी कम नहीं हो पाया।

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