काठमांडू। दक्षिणी नेपाल में कई जगह भीषण आंधी-तूफान आने से 31 लोगों की मौत हो गई और 600 अन्य लोग घायल हो गये। रविवार को आये भीषण आंधी तूफान में कई घर तबाह हो गये, वाहन पलट गये तथा पेड़ और बिजली के खंभे जमीन से उखड़ गये। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि रविवार शाम बारा तथा परसा जिलों के गांवों में आंधी-तूफान आया। राजधानी काठमांडू से 128 किलोमीटर दक्षिण में स्थित बारा जिले में तूफान से 28 लोगों की जान चली गई जबकि परसा जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है, वहीं दक्षिणी नेपाल के अन्य हिस्सों में दो और लोग मारे गये हैं।
तेज हवाएं चलने से कारें पलट गयीं और राजमार्ग पर एक यात्री बस उड़ गयी, जिसके चलते कई लोग हताहत हुए। पुलिस के अनुसार कई लोग या तो घरों के मलबे के नीचे दबने से, धातुओं की बनी छत के नीचे दबने से अथवा बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे दबने से मारे गये। प्रांत 2 के अटॉर्नी जनरल दीपेन्द्र झा के अनुसार 600 घायलों में से अधिकतर बारा की ‘फेटा ग्राम नगर पालिका’ में फेटा और भुलाही भरवलिया इलाकों से हैं। नेपाल में मानसून के मौसम में भूस्खलन से हर वर्ष सैकड़ों लोग मारे जाते हैं लेकिन वसंत के मौसम में तूफान से इतने लोगों का हताहत होना असामान्य बात है। परसा जिला पुलिस कार्यालय के अनुसार हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। प्रांत 2 मंत्रिपरिषद ने सोमवार को आपात बैठक की। बैठक में पीड़ितों के परिवारों को 3,00,000 रुपए सहित राहत पैकेज के साथ-साथ टेंट, खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति आदि भी मुहैया कराने का फैसला किया गया। प्रांत 2 प्रशासन ने केन्द्रीय सरकार से प्रभावित इलाकों में आपात स्थिति घोषित करने की अपील की है। वहीं प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने लोगों के मारे जाने की घटना पर दुख व्यक्त किया तथा मृतकों के परिजन के प्रति संवेदना भी जाहिर की। उन्होंने प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया।