प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जान है तो जहान है कहावत नहीं है, इसे समझना है. 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है लेकिन देश के लोगों की रक्षा के लिए, गांव और शहर की रक्षा के लिए ये कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. दुनिया भर के डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस के संक्रमण चक्र को रोकने के लिए कम से कम 21 दिन का साइकिल चाहिए और हमें इस 21 दिन के लॉकडाउन से विजयी होकर बाहर आना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए भारत में 24 मार्च की रात 12 बजे से 14 अप्रैल तक कुल तीन सप्ताह यानी 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस संकट पर देश को छह दिन में दूसरे बार संबोधित करते हुए कहा कि ये जनता कर्फ्यू से ज्यादा कड़ा होगा और लोगों को समझ लेना चाहिए कि कोरोना जैसे संकट से लड़ने और जीतने के लिए कर्फ्यू जैसा कदम ही जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरान जरूरी सेवाओं को नहीं रोका जाएगा और खाने-पीने या दवा की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.
पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन के ऐलान से पहले पीएम मोदी ने 22 मार्च के जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए देश के लोगों को शुक्रिया कहा और कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया कि संकट के समय मानवता की रक्षा के लिए भारतीय कैसे एकजुट होकर संकल्प लेते हैं और उसे पूरा करते हैं. पीएम ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में इस बीमारी का सबक यही है कि सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग यानी घर में बंद रहने से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है