मुख्यमंत्री ने किया पंचायत रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर का शिलान्यास

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायतीराज निदेशालय में 03 करोड़ 34 लाख रूपये की अनुमानित लागत से बनने वाले स्टेट पंचायत रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर भवन का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून में स्टेट पंचायत रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर भविष्य के लिए बड़ी जरूरत बनेगा। यह सेंटर पचायतों के लिए महत्वपूर्ण होगा व विभिन्न गतिविधियों के डाटा कलेक्शन का मजबूत आधार बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में 02 अक्टूबर को हरिद्वार में रिसाइक्लिंग प्लांट का शिलान्यास होना है, इसके लिए भारत सरकार ने 03 करोड़ 80 लाख रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड प्लास्टिक से मुक्त हो। प्लास्टिक कचरे से ऊर्जा बनाने की दिशा में वैज्ञानिक जो कार्य कर रहे हैं, वह सराहनीय है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में प्लास्टिक कचरे की समस्या को लेकर चिंता प्रकट की। भारत को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा भी अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए जन सहयोग भी जरूरी है। हमें प्राकृतिक खेती की दिशा में कार्य करना होगा, इसके लिए किसानों में जनजागरूकता जरूरी है, इस दिशा में पंचायते महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। केन्द्र सरकार ने इस बार देश में प्राकृतिक खेती के लिए बजट का प्राविधान भी किया है।

पंचायतीराज मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि स्टेट पंचायत रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर का मुख्य उद्देश्य आम जन मानस की समस्याओं की हकीकत में जाकर उनका निदान करना है। सरकारी योजनाओं का आम जनमानस को लाभ मिले यही सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इस पंचायत रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर बनने से शहरों की तरह पंचायतों की समस्याओं के तुरंत निदान करने में मदद मिलेगी। पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए ही सरकार ने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास और अनारक्षित को न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल की गई है।

इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रम श्री शमशेर सिंह सत्याल, निदेशक पंचायतीराज श्री एच.सी सेमवाल, निदेशक ब्रिडकुल श्री मनोज सेमवाल, सीईओ पीएमजीएसवाई श्री उदयराज आदि उपस्थित थे।

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