देहरादून-दिल्ली हाईवे पर मोहंड से ढाई किलोमीटर आगे अंग्रेजों के जमाने का लोहे का पुल है। यही एक मात्र पुल है जो उत्तराखंड और यूपी को जोड़ता है। पुल अधिक पुराना और संकरा होने के कारण आए दिन जाम की समस्या रहती है। पुल के कारण करीब दो से ढाई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। अब लोगों को जल्द ही जाम से मुक्ति मिलने वाली है और उनका सफर सुगम हो जाएगा।
दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोहंड की पहाड़ियों में लगने वाले जाम से लोगों को अब मुक्ति मिल जाएगी। अंग्रेजों के जमाने के बने देहरादून रोड पर बने लोहे के संकरे पुल के बराबर में ही नया पुल बनेगा। जिसके लिए एनएचआई की ओर से वन विभाग से अनुमति ले ली गई है और जल्द ही पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो जाएगा।
दरअसल एनएचएआई की ओर से लोहे के पुल के बराबर में बायी ओर एक नया पुल बनाया जाएगा। एनएचएआई की ओर से इसके लिए वन विभाग की अनुमति मांगी गई थी, जिसको पास कर दिया गया है। विभाग के अधिकारियों की माने तो टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है और जल्द ही पुल निर्माण का कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
जाम लगने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत मोबाइल रेंज न होने के कारण होती है। दरअसल पुल पर जब एक ओर से वाहन आते है तो दूसरी ओर के वाहनों को रोकना पड़ता है तभी वाहन निकल पाते है। कई बड़े वाहन फंसने के कारण जाम लग जाता है।
वन विभाग से मिल चुकी है अनुमति
मोहंड से आगे पुल निर्माण को लेकर एनएचएआई को वन विभाग से अनुमति मिलने में दिक्कत आ रही थी। दरअसल जहां पुल का निर्माण होना है वो क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए पुल निर्माण को वन विभाग की अनुमति की खास जरुरत थी। डीएफओ शिवालिक श्वेता सेन ने बताया कि भारत सरकार की ओर से अनुमति मिल गई है और एनएचआई को एनओसी भी दे दी गई है।