व्लादिवोस्तोक.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस गए हैं। ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के इतर उन्होंने गुरुवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भगोड़े मुस्लिम धर्म गुरु जाकिर नाइक (53) के प्रत्यर्पण को लेकर चर्चा हुई। विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि जाकिरको भारत वापस लाने के मुद्दा हमारे लिए अहम है। इसके लिए दोनों देशों के अधिकारी के बीच संपर्क में बने रहने पर सहमति बनी है।
जाकिर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोपी है। 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था। जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए भारत लगातार मलेशिया के संपर्क में है और उसे वापस लाने के लिए कई बार मलेशिया से मांग कर चुका है। द्विपक्षीय मुलाकात के दौरानमोदी और महातिर के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत हुई।
मलेशिया सरकार ने जाकिर पर प्रतिबंध लगाया था
मलेशिया सरकार ने अगस्त में जाकिर के किसी भी नस्लीय और राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने और भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया गया था। उस पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप है। नाइक ने एक भड़काऊ भाषण दिया था। उसने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं।
जाकिर का स्थायी निवासी का दर्जा छिन सकता है
इसके बाद मलेशिया के गृह मंत्री मुहीद्दीन यासिन ने कहा था कि देश में कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। प्रधानमंत्री महातिर ने 20 अगस्त को कहा था कि जाकिर को 2015 से मलेशिया में स्थायी निवासी का दर्जा मिला है। अगर वह देश को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों में लिप्त मिला तो यह दर्जा वापस लिया जा सकता है। हालांकि, महातिर पहले कह चुके हैं कि मलेशिया को जाकिर नाइक का प्रत्यर्पण नहीं करने का अधिकार है, क्योंकि जाकिर ने दावा किया कि उसके खिलाफ भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी।