प्याज की महंगाई पर काबू को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है। भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं बने, इसके भी उपाय किए जा रहे हैं। इसके तहत राज्यों में प्याज का बफर स्टॉक बनाया जाएगा, जिसके लिए वहां का खाद्य आपूर्ति व वितरण विभाग कार्य करेगा। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी की बैठक में प्याज उत्पादक राज्यों के मुख्य सचिवों से विचार-विमर्श किया गया। गाबा ने सभी राज्यों को इस आशय का निर्देश दिया है।
बैठक में विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतों की समीक्षा की गई। प्याज उत्पादक 11 राज्यों के मुख्य सचिवों से वहां प्याज की उपलब्धता का ब्योरा लिया गया। उनसे यह भी पूछा गया कि वहां प्याज की महंगाई पर नियंत्रण पाने के क्या उपाय किए गए हैं। प्याज की बढ़ी कीमतों का लाभ किसानों को किस हद तक मिल पा रहा है। वहां से दूसरे राज्यों को प्याज की आपूर्ति को लेकर किए गए उपायों का ब्योरा भी मांगा गया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिव शामिल रहे। कांफ्रेंसिंग में कैबिनेट सचिव के साथ उपभोक्ता मामले, कृषि व किसान कल्याण सचिव, खाद्य सचिव और इन मंत्राालयों के अफसरों ने हिस्सा लिया। राज्यों ने अपने यहां प्याज को लेकर पैदा हुई मुश्किलों का भी जिक्र किया। प्याज उत्पादक किसानों और उपभोक्ताओं के बीच समन्वय को बड़ी मुश्किल माना गया।
कैबिनेट सचिव गाबा ने इन राज्यों को उपभोक्ताओं के साथ किसानों के हितों का ध्यान रखने का निर्देश दिया। गाबा ने राज्यों से अपनी जरूरतों के हिसाब से राज्य में बफर स्टॉक बनाने और स्टॉक सीमा लगाने के साथ जमाखोरी करने वालों पर लगाम का भी निर्देश दिया। उन्होंने प्याज की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए केंद्र की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक मिस्न से आयातित प्याज की पहली खेप के यहां पहुंचने के बारे में बताया।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा कि वे अपने यहां खाद्य वितरण विभाग के अफसरों को प्याज की खरीद करने और रियायती दरों पर वितरण कराने का कार्य कराएं। केंद्र सरकार ने तो पहले ही प्याज की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ आयात के सभी रास्ते खोल दिए हैं।