मेट्रो में सफर करने वाले लाखों यात्रियों को मिली बड़ी राहत
याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील में कहा कि मेट्रो यात्रियों को अपनी पहचान और पते का प्रमाण देना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में डीएमआरसी को अपने यात्रियों का पूरा विवरण होना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर के लाइफ लाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो के 50 लाख से अधिक यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, मेट्रो कार्ड या टोकन को मेट्रो यात्रियों के एड्रेस प्रूफ के साथ लिंक करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने साफ इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने इस याचिका पर कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका दायर करने के पहले दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Corporation) के समक्ष कोई प्रतिवेदन नहीं दिया। हालांकि, इसे फौरी राहत माना जा सकता है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली मेट्रो में सफर करने के दौरान पूरा अंदाज बदलने जा रहा है। अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने दिल्ली मेट्रो के लिए सफर के दौरान एक प्रस्ताव DMRC और शहरी विकास मंत्रालय को भेजा है। इस पर मंथन जारी है।
होंगे बड़े बदलाव
- यात्रियों को जांच से पहले ही बेल्ट, पर्स आदि हटाना होगा।
- दिल्ली मेट्रो के हर यात्री को फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
- प्रत्येक यात्री के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
- बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षण वाले यात्रियों को दिल्ली मेट्रो में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- मेट्रो परिसर में एंट्री गेट पर और बाहर निकलने वाले गेट पर सैनिटाइजर और हैंडवाश का इंतजाम होगा।
- मेट्रो में प्रवेश से पहले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और बुखार पाए जाने पर यात्री को वापस भेज दिया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली मेट्रो की स्थापना 3 मई 1995 को हुई थी, लेकिन मेट्रो की पहली ट्रेन 24 दिसंबर 2002 को 8.4 किलोमीटर लंबे शाहदरा-तीसहजारी कॉरीडोर पर चली थी। यह दिल्ली मेट्रो के लिए एतिहासिक मौका था। इसी महीने 3 मई को दिल्ली में मेट्रो ने स्थापना के 26 साल पूरे किए हैं। गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो में गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, बहादुरगढ़, पलवल, नोेएडा, गाजियाबाद समेत दर्जनभर शहरों के लोग सफर करते हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम अब गुरुग्राम रैपिड मेट्रो रेल का भी संचालन करती है। इसमें रोजाना 60,000 से अधिक यात्री सफर करते हैं।